भोपाल: मुंगावली और कोलारस विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पार्टी के लिए संजीवनी की तर है तो वहीं शिवराज सरकार के लिए ये झटका है. अब ऐसे में उपचुनावों के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों में संगठन स्तर पर फेरबदल होना तय माना जा रहा है. कांग्रेस में जहां अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम पद का प्रत्याषी घोषित करने की मांग गहराएगी तो उधर बीजेपी में भी अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के पद पर फेरबदल तय है. हालांकि कांग्रेस की जीत के बावजूद राजनीतिक विश्लेषक सत्ता में वापसी की बात को जल्दबादी बता रहे हैं.


लगातार चार उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं. मुंगावली और कोलारस से पहले अटेर और चित्रकूट में भी कांग्रेस ने अपनी सीटों पर कब्जा बरकरार रखा था. सरकार की सारी सामर्थ्य लगने के बाद भी कोलारस और मुंगावली की सीट बनाये रखना कांग्रेस के लिये किसी बड़ी जीत से कम नहीं है. ये जीत कांग्रेस के लिए संजीवनी के समान है.


कांग्रेस की यह जीत सीएम शिवराज सिंह चौहान की चुनाव जिताने की क्षमता और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चैहान की संगठन पर ढीली पकड़ को सामने लाएगी. इसलिए आने वाले दिनों में दोनों पार्टियों में बदलाव होंगे.


बीजेपी के नेता हार से निराश तो हैं मगर जीत का अंतर मामूली रहने से वो अपनी मेहनत पर गर्व कर सकते हैं. मगर ये हार शिवराज की घटती लोकप्रियता और बदलाव की आहट के संकेत दे ही रही है. नौ महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिये दोनों पार्टियां जुट गई हैं.