नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश का राजनीतिक ड्रामा समाप्त होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग उठा दी है. भाजपा का मानना है कि राज्य सरकार अल्पमत में है. ऐसे में अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट होना जरूरी है. फिलहाल भाजपा फ्लोर टेस्ट की तैयारी में है. ये अलग बात है कि विधानसभा अध्यक्ष इसकी इजाजत देते हैं या नहीं.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 16 मार्च से बजट सत्र शुरू हो रहा है. मौजूदा घटनाक्रम में अब तक कांग्रेस के 19 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में इस्तीफा सौंप दिया है. जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी मानती है कि सरकार अल्पमत में है. गुरुवार को एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार अल्पमत में है. इसलिए 16 मार्च को जब सत्र की शुरुआत होगी और राज्यपाल का अभिभाषण होना है तो ऐसे में अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट होना जरूरी है.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "फ्लोर टेस्ट में यदि सरकार पास होती है तब तो अभिभाषण हो, वरना सरकार को इस्तीफा देना चाहिए. और जो नई सरकार बने उनकी अगुवाई में अभिभाषण होना चाहिए." नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक सरकार अंतिम सांसे ले रही है कभी भी गिर सकती है. अगले 8-10 दिन में नई सरकार मध्य प्रदेश में गठित हो जाएगी. अब देखना यह होगा कि भाजपा की इस मांग पर विधानसभा अध्यक्ष का रवैया क्या रहता है. लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि राज्य सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट किसी खतरे की घंटी से कम नहीं.
ये भी पढ़ें:
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी विचारधारा को जेब में रखा और RSS के साथ चले गए- राहुल गांधी
कोरोना वायरस के चलते IPL रद्द करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते कर सकता है सुनवाई