शिवपुरी (मध्यप्रदेश): मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को कहा कि मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों का दलबदल कर बीजेपी में आना और तत्कालीन कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का गिरना एक राजनीतिक घटनाक्रम था, आर्थिक घटनाक्रम नहीं. उन्होंने कहा कि इसमें विधायकों की कोई खरीद-फरोख्त नहीं हुई है, जैसा कि कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं. मिश्रा ने शिवपुरी जिले के बैराड़ कस्बे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.


सिंधिया के प्रति वफादारी के कारण धाकड़ ने छोड़ी कांग्रेस


उन्होंने पोहरी के पूर्व विधायक और अब प्रदेश में राज्यमंत्री बने सुरेश धाकड़ रांठखेड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि चूंकि सुरेश धाकड़ ने अपनी राजनीतिक वल्दियत में श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया लिख रखा था और कांग्रेस सरकार में सिंधिया का अपमान किया जा रहा था, इस कारण उन्होंने कांग्रेस सरकार को गिरा दिया.


मिश्रा ने बताया कि सुरेश धाकड़ की वफादारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ थी, इसलिए वह भी कांग्रेस छोड़कर उनके साथ बीजेपी में आ गए.


उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह राजनीतिक घटनाक्रम था, आर्थिक घटनाक्रम बिलकुल नहीं था.’’ मिश्रा ने कहा, ‘‘सुरेश धाकड़ को हमने एक चवन्नी तक नहीं दी है.’’ इससे पहले कार्यक्रम में मंत्री रांठखेड़ा ने कहा, ‘‘लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैंने पैसे लेकर दलबदल किया है’’.


मंत्रिमंडल विस्तार में मिली थी धाकड़ को जगह


हाल ही में शिवराज सरकार ने अपना दूसरा कैबिनेट विस्तार पूरा किया, जिसमें 28 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. इनमें सुरेश धाकड़ समेत सिंधिया समर्थक 10 पूर्व कांग्रेसी नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई थी.


शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों मंत्रियों की संख्या अब 12 हो गई है. इससे पहले 21 अप्रैल को हुए छोटे विस्तार में भी 2 मंत्रियों को शामिल किया गया था.


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