बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही देशभर में करीब एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में 56 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. जिनके नतीजे आज घोषित किए जा रहे हैं. इन उपचुनाव की 56 विधानसभा सीटों में आधी सीटें तकरीबन 28 विधानसभा सीटें अकेले मध्य प्रदेश की हैं. जिन पर हुए उपचुनाव एक बार फिर राज्य में बीजेपी और कांग्रेस की सरकार की नींव रख सकते हैं
दरअसल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. जिसके बाद कांग्रेस में आंतरिक उहापोह के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. जिसके बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. जिसके चलते मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई. जिसके बाद से मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर सत्ता की कुर्सी पर वापसी की.
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मध्य प्रदेश की 28 में से 16 सीटें राज्य के ग्वालियर और चंबल क्षेत्रों से हैं. इन क्षेत्रों को व्यापक रूप से सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी काफी मुश्किल नजर आ रही है. कांग्रेस को मध्य प्रदेश में वापसी के लिए सभी 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी. तभी कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े को छू पाएगी. वहीं बीजेपी को बहुमत का दावा करने के लिए नौ सीटों को जीतने की जरूरत है.
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