MP Cabinet Expansion :मध्य प्रदेश में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. सोमवार (25 दिसंबर) को राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने 18 कैबिनेट, छह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चार राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई. कुल 28 मंत्रियों ने शपथ ली. इस मंत्रिमंडल में चार निवर्तमान सांसदों को भी शामिल किया गया है जिन्होंने विधायक बनने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
सात सांसद चुनाव लड़े थे जिनमें से पांच जीत पाए थे. जीते हुए सांसदों में से एक को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है. इनमें ओबीसी के 12 मंत्री, SC-ST से 4-4 और 8 मंत्री जनरल केटेगरी से हैं. चलिए हम आपको इसके चुनावी गणित के बारे में बताते हैं.
सात सांसदों ने लड़ा था चुनाव, चार को कैबिनेट में जगह
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था. इनमें से दो हार गए थे, जबकि बाकी पांच जीते थे. जीते हुए पांच सांसदों में से चार को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा तोमर के केंद्रीय कैबिनेट में सहयोगी रहे प्रह्लाद पटेल, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह को मोहन यादव के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इन तीनों ने भी शपथ ले ली है.
बीजेपी की एक और सांसद रीती पाठक ने भी चुनाव जीता था लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. दो सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह चुनाव हार गए थे
18 कैबिनेट मंत्रियों ने ली है शपथ
राजभवन में आयोजित समारोह में 18 कैबिनेट मंत्री के तौर पर विजय शाह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, राकेश सिंह, करण सिंह वर्मा, उदय प्रताप सिंह, संपत्तिया उईके, तुलसीराम सिलावट, एदल सिंह कंसाना, निर्मला भूरिया, गोविंद सिंह राजपूत, विश्वास सारंग, नारायण सिंह कुशवाहा, नगर सिंह चौहान, प्रदुम सिंह तोमर, राकेश शुक्ला, चेतन कश्यप, इंदर सिंह परमार को राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है.
वहीं, छह विधायकों को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ दिलाई गई. इसमें कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी ,दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, लखन पटेल और नारायण पवार शामिल हैं. इसके अलावा राज्य मंत्री के रूप में राधा सिंह, दिलीप अहिरवार, नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी को शपथ दिलाई गई.
ओबीसी आबादी को साधने की पूरी कोशिश
लोकसभा चुनाव से पहले इस कैबिनेट विस्तार को बेहद अहम माना जा रहा है. इस कैबिनेट विस्तार में बीजेपी ने क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधने की पूरी कोशिश की है. अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले 12 विधायक मंत्री बनाए गए हैं. सूबे में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से अधिक है.
चार मंत्री अनुसूचित जाति समुदाय से हैं जिनकी सूबे में आबादी लगभग 16 फीसदी है, चार मंत्री अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं जिनकी राज्य में आबादी 21 फीसदी है. आठ मंत्री सामान्य वर्ग से हैं जिनकी एमपी में आबादी 13 फीसदी बताई जाती है. कुल मिलकर देखें तो लोकसभा चुनाव से पहले इस कैबिनेट विस्तार में सूबे के दबदबे वाली ओबीसी आबादी को साधने की भरपूर कोशिश की गई है.