पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में 7 से 30 नवंबर के बीच चुनाव होंगे और 3 दिसंबर को पता चल जाएगा कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बन रही है. निर्वाचन आयोग ने सोमवार (9 अक्टूबर, 2023) को चुनावी राज्यों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी कर दी है. मध्य प्रदेश के लिए चौथी और छत्तीसगढ़ के लिए दूसरी लिस्ट जारी की गई है. हालांकि, राजस्थान में बीजेपी की अब तक पहली ही लिस्ट आई है. राजस्थान में भी पार्टी ने एमपी और छत्तीसगढ़ की तरह सांसदों को विधायकी का चुनाव लड़वाने का फैसला किया है. तीनों राज्यों में 4 केंद्रीय मंत्रियों समेत 18 सांसदों को मैदान में उतारकर बीजेपी ने मुकाबला कड़ा कर दिया है.
2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन तीनों ही राज्यों में हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो फिर भी बीजेपी ने कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी, लेकिन छत्तीसगढ़ में तो बहुत ही बुरी हालत में भाजपा सिर्फ 15 सीटें ही जीत सकी थी. इन सब कारणों की वजह से इस बार पार्टी हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है और सांसदों को मैदान में उतारकर यह प्रयोग करने जा रही है. एक बात देखने वाली यह भी है कि बीजेपी ने अब तक जिन-जिन सीटों के लिए सांसदों पर दांव लगाया है, उनमें से ज्यादातर वे सीटें शामिल हैं, जिन पर बीजेपी पिछले चुनाव में हार गई थी या फिर वो सीटें हैं, जहां बीजेपी की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है. आइए अब जान लेते हैं कि बीजेपी ने किस सांसद को किस राज्य में कौन सी सीट से मैदान में उतारा है:
राजस्थान
बीजेपी ने सोमवार को राजस्थान में 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी है. इसमें 39 वो सीटें हैं, जिन पर बीजेपी पिछले चुनाव में हार गई थी. सिर्फ एक ही सीट पर बीजेपी के विधायक हैं, जबकि एक वो सीट है, जिस पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी सांसद नरेंद्र कुमार के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई थी और उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जीत गए. इसके अलावा, इस बार बीजेपी के 7 सांसद विधायकी का चुनाव लड़ेंगे. इनमें झुंझनू से सांसद नरेंद्र कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपूर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़, राजसमंद से सांसद दिया कुमारी, जालोर से सांसद देवजी पटेल, राजय्सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ और अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी शामिल हैं.
किस सांसद को कहां से उतारा
- दिया कुमारी- विद्याधर नगर
- भागीरथ चौधरी- किशनगढ़
- किरोड़ी लाल मीणा- सवाई माधौपुर
- देवी पटेल- संचोर
- नरेंद्र कुमार- मंडावा
- राज्यवर्धन राठौड़- झोटवारा
- बाबा बालकनाथ- तिजारा
पिछली बार इन सीटों पर क्या थी स्थिति
पिछले विधानसभा चुनाव में इन सात सीटों में से 5 पर बीजेपी हार गई थी. झोटवारा पर पिछली बार कांग्रेस के लालचंद कटारिया जीते थे. इससे पहले बीजेपी के राजपाल सिंह शेखावत यहां विधायक थे. पार्टी ने 2023 विधानसभा चुनाव में राज्यवर्धन राठौड़ को इस सीट पर उतारा है. वहीं, तिजारा सीट भी पहले बीजेपी के पास थी और ममन सिंह विधायक थे. हालांकि, पिछले चुनाव में बीएसपी संदीप कुमार को यहां से जीत मिली. बीएसपी के ही उम्मीदवार दीप सिंह ने किशनगढ़ सीट जीती थी, जिस पर बीजेपी के रामहेत सिंह विधायक थे. सवाई माधौपुर सीट पर कांग्रेस के दानिश अबरारा जीते, जबकि पहले बीजेपी की राजकुमारी दिव्या कुमारी यहां से विधायक थीं. संचोर सीट से भी कांग्रेस के ही उम्मीदवार सुखराम को जीत मिली थी. इसके अलावा, विद्याधर नगर और मंडावा सीट पर बीजेपी के क्रमश: नरपत सिंह और नरेंद्र कुमार को जीत मिली थी, लेकिन इस बार पार्टी ने विद्याधर नगर सीट पर सांसद दिया कुमारी की टिकट दिया है. नरपत सिंह राजवी का नाम लिस्ट में नहीं है. हालांकि, मंडावा सीट जीतने की जिम्मेदारी फिर से नरेंद्र कुमार को दी गई है. वह लगातार दो बार से यहां विधायक हैं, पिछली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और साल 2013 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे. 2019 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर झुंझनु से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए. इसके बाद मंडावा सीट पर उपचुनाव करवाया गया, लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो फेज में वोटिंग होगी. प्रदेश में इस बार बीजेपी के 4 सांसद मैदान में हैं, जिनमें एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं. पार्टी ने सोमवार को 64 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है. इसमें एक केंद्रीय मंत्री और दो सांसदों का भी नाम शामिल है. अब तक राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 85 पर बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है. दोनों लिस्ट में सरगुजा से सांसद और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर- सोनहत सीट से टिकट दिया गया है. रायगढ़ से सांसद गोमती साय को पत्थलगांव और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर सांसद अरुण साव को लोरमी सीट उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा, दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल को पार्टी ने पाटन सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ मैदान में उतारा है.
किसे कहां से मिला टिकट
- रेणुका सिंह- भरतपुर- सोनहत
- गोमती साय- पत्थलगांव
- अरुण साव- लोरमी
- विजय बघेल- पाटन
पिछली बार क्या थे नतीजे
छत्तीसगढ़ में जिन सीटों पर बीजेपी ने सांसदों को विधायकी का टिकट दिया है, उन सभी पर पार्टी पिछले चुनाव में हार गई थी. भरतपुर- सोनहत पर कांग्रेस उम्मीदवार गुलाब कमरो जीते थे और पहले बीजेपी की चंपादेवी पावले के पास यह सीट थी. पत्थलगांव सीट भी कांग्रेस ने ही जीती थी. रामपुकार सिंह ठाकुर जीते थे. पहले बीजेपी के शिवशंकर पैकरा यहां से विधायक थे. लोरमी सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCC) के धर्मजीत सिंह जोगी ने जीती थी. हालांक, पहले बीजेपी के तोखन साहू विधायक थे. इसके अलावा, पाटन सीट से कांग्रेस के भूपेश बघेल जीते थे और पहले भी यहां से वही विधायक थे.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा. पिछले चुनाव में बीजेपी ने 109 सीटें जीतकर कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी थी. पार्टी करीब 15 सालों से प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जीतती आ रही है, लेकिन 2018 के चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी कोई कोताही नहीं बरतना चाह रही. इसके चलते पार्टी ने प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतारा है. इनमें चार वो बड़े चेहरे शामिल हैं, जिनका राज्य की राजनीति में भी काफी प्रभाव है. इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, सतना सीट से सांसद गणेश सिंह और सीधी से एमपी रीती पाठक शामिल हैं. इनके अलावा, लोकसभा में मुख्य सचेतक और सांसद राकेश सिंह, निमाड से सांसद उदय प्रताप सिंह और आदिवासी चेहरे और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं. पार्टी ने बड़े चेहरों में राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी मैदान में उतारा है.
किस सांसद को कहां से मिला टिकट
- नरेंद्र सिंह तोमर- दिमनी
- प्रह्लाद पटेल- नरसिंहपुर
- फग्गन सिंह कुलस्ते- निवास
- राकेश सिंह- जबलपुर पश्चिम
- गणेश सिंह- सतना
- रीति पाठक- सीधी
- उदय प्रताप सिंह- गदवारा
पिछली बार क्या थे नतीजे
इस बार बीजेपी ने जिन सात सीटों पर सांसदों को उतारा है, उनमें से पांच पर बीजेपी हार गई थी और सिर्फ दो पर ही पार्टी के विधायक है. चार सीटें वो हैं जिनमें 2013 में पार्टी ने जीत हासिल की थी. मुरैना क्षेत्र की दिमनी सीट पर कांग्रेस के गिरराज दंतोतिया जीते थे, जिन्हें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है. उन्होंने भी साल 2020 में सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और उपचुनाव में फिर से इस सीट पर लड़े, लेकिन हार गए. नरसिंहपुर पर बीजेपी के जालम सिंह पटेल उर्फ मुन्ना भईया जीते थे और पहले भी वही विधायक थे. इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके भाई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को टिकट दिया है. निवास से कांग्रेस के डॉक्टर अशोक मर्सकोले जीते थे. उनसे पहले बीजेपी के रामप्यारे कुलस्ते यहां से विधायक थे. जबलपुर पश्चिम सीट पर फिलहाल कांग्रेस के तरुण भनोट विधायक हैं और पहले भी वहीं से विधायक थे. सतना सीट पर कांग्रेस के डब्बू सिद्धार्थ सुखीलाल विधायक हैं, उनसे पहले बीजेपी के पास यह सीट थी और शंकरलाल तिवारी विधायक थे. सीधी से बीजेपी के केदारनाथ शुक्ल विधायक हैं और पहले भी यहां से जीते थे. हालांकि, इस बार पार्टी ने सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारने का फैसला किया है. गदवारा सीट पर कांग्रेस की सुनीता पटेल जीती थीं और उनसे पहले बीजेपी के गोविंद सिंह पटेल यहां से विधायक थे.