नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच शब्द युद्ध जारी है. अब मतभेदों को सुलझाने के लिए दोनों नेताओं के इस हफ्ते मुलाकात करने की संभावना है. कांग्रेस महासचिव और पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि दोनों नेता सत्ता में आने से पहले मध्य प्रदेश की जनता से पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए मुलाकात करेंगे.
बावरिया ने को बताया, ''कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस हफ्ते मुलाकात करेंगे और लंबित मुद्दों पर काम करेंगे और मध्य प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लोगों की चिंताओं और मांगों का समाधान खोजेंगे.'' दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार के मतभेद की खबरों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता जन कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और मध्य प्रदेश में सुशासन उपलब्ध करा रहे हैं.''
मेनिफेस्टो का एक भी वादा अधूरा रहा तो सड़कों पर उतरूंगा- सिंधिया
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टीकमगढ़ में कहा था कि अगर मेनिफेस्टो का एक भी वादा अधूरा रहा तो मैं खुद सड़कों पर उतरूंगा. टीकमगढ़ की एक सभा में सिंधिया ने गेस्ट शिक्षकों को नियमित करने को लेकर कहा, ''मैंने चुनाव से पहले आप की आवाज उठाई थी और यह विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मेनिफेस्टो में अंकित है. वो मेनिफेस्टो हमारे लिये ग्रंथ है, सब्र रखना मेनिफेस्टो का एक भी अंक पूरा नहीं हुआ तो आप सड़क पर अपने को अकेला ना समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी खड़ा होगा. अभी सरकार को एक साल हुआ है. थोड़ा इंतजार हमारे शिक्षकों को करना होगा. उन्होंने कहा कि आप चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और तलवार भी मैं बनूंगा."
कमलनाथ ने दिया ये जवाब
कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने संबंधी बयान के बाद मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में उथल-पुथल मच गई थी. सिंधिया के बयान को लेकर जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'तो उतर जाएं.'
बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा है कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मुझे बीच बचाव करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इन दोनों नेताओं के बीच संवादहीनता की स्थिति नहीं है.
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