नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में आंतरिक लड़ाई फिर से खुलकर सामने आ रही है. पिछले दिनों पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में पार्टी के गंभीरता न दिखाने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, "अगर कांग्रेस कोई वादा करती है, तो वह उसे पूरा करे. अन्यथा, हम सड़कों पर उतर आएंगे."


इसी को लेकर आज जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'तो उतर जाएं.' आज सुबह दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर मध्य प्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में समन्वय के लिए गए गठित कोर्डिनेशन कमिटी की बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, प्रभारी दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री जीतू पटवारी, मीनाक्षी नटराजन शामिल हुए.





इस बैठक के खत्म होने से पहले सिंधिया निकल गए थे जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे कि वो नाराज होकर बैठक से निकल गए. लेकिन सिंधिया ने ABP न्यूज से कहा कि "नाराजगी की बातें अफवाह हैं. मैं पूरे वक्त तक बैठक में मौजूद रहा, खत्म होने से कुछ देर पहले अनुमति लेकर निकला. हमने विभिन्न विषयों पर सकारात्मक चर्चा की."


मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वचनपत्र (घोषणापत्र) को लागू किए जाने पर कई नेताओं द्वारा सवाल खड़े किए जाने के बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. तब कमलनाथ ने कहा था, "मैंने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की है और चर्चा की है कि राज्य में सरकार वचनपत्र के वादों को पूरा करने में कितनी सक्षम है.


राज्य कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मांग की है कि पार्टी को अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को निभाना चाहिए. राज्यमंत्री गोविंद सिंह ने हाल ही में एक सार्वजनिक समारोह में कहा कि धन की कमी की वजह से कुछ वादे पूरे नहीं हो पाए.