भोपालः मध्य प्रदेश इन दिनों भारी बारिश के साथ ही बाढ़ के प्रकोप का सामना कर रहा है. मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं. बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू करने के लिए राज्य में भारतीय वायु सेना के साथ ही SDRF और NDRF की टीमें लगाई गई हैं.


बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं सीएम शिवराज


मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि वह लगातार बाढ़ और अधिक वर्षा की निगरानी कर रहा हैं. उनका कहना है कि वह अशोकनगर और गुना के जिला प्रशासन के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अशोकनगर के तुमान और मंगावली गांवों में फंसे सभी 40 लोगों को बचा लिया गया है.






फिलहाल मध्यप्रदेश में लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है. बीते बुधवार को वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर ने सिंध नदी के उफान के कारण कटे दतिया जिले के सोंधा के पास एक मंदिर की छत पर फंसे 7 लोगों को बचाया था. इस दौरान पूरे दिन में भारतीय वायू सेना ने कुल 46 लोगों का रेस्क्यू किया था. 


ग्वालियर-चंबल इलाका बूरी तरह प्रभावित


बता दें कि ग्वालियर-चंबल इलाके के कुल 1177 गांव और हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. वहीं मध्य प्रदेश में बाढ़ और बारिश का सबसे बड़ा केंद्र शिवपुरी जिला बना है, जहां 1100 गांव प्रभावित हुए हैं. इन 1100 में से 200 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 22 गांव तो ऐसे हैं जहां चारों ओर बाढ़ ने कब्जा जमा लिया है. 


हाल ही में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया जिले के कोटरा गांव में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे थे. जिस दौरान उनकी नाव के क्षतिग्रस्त होने के बाद उन्हें और अन्य नौ लागों को वायुसेना की मदद से बचाया गया. बताया जा रहा है कि जायजा लेने के दौरान अचानक एक पेड़ नाव के ऊपर गिर गया, जिससे उसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई और वह वहीं पर फंस गए. जिसके बाद संदेश भेज कर वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध करवाई गई.


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