नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्रदेश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति से उन्हें अवगत कराया. इस दौरान उन्होंने इस महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गये प्रयासों के बारे में भी विस्तार से बताया.


लगभग एक घंटे की मुलाकात के दौरान चौहान ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों का भी ब्यौरा दिया.


एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मोदी को बताया कि राज्य में अब कोरोना संक्रमण के केवल 160 मामले ही रह गए हैं और इसकी सकारात्मकता की दर सिर्फ 0.2 प्रतिशत रह गई है.






चौहान ने प्रधानमंत्री को बताया कि 21 जून से पूरे राज्य में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल के सदस्य, विधायक और सांसद मिलकर भाग लेंगे और जनता को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जायेगा.


उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण एकमात्र सुरक्षा कवच है. इसलिए दिसम्बर माह के अंत तक पूरे प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण कर लिया जायेगा. वर्तमान में राज्य सरकार की क्षमता 5 लाख लोगों के रोजाना टीकाकरण की है.


बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से किसानों के मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा की और उन्हें बताया कि डीएपी और मूंग की खरीद पर किसानों को उचित दाम मिल रहा है.


उन्होंने कहा कि मूंग उत्पादन का वाजिब दाम किसानों के लिए संजीवनी साबित होगा. चौहान ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य में लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से प्रदेश की आय में काफी गिरावट आई है.


उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि पिछले साल सकल घरेलू उत्पाद का 5.5 प्रतिशत राज्यों को बाजार से ऋण लेने की छूट थी. उन्होंने इस छूट को चालू वर्ष में भी जारी रखने का आग्रह किया. बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. 


चौहान ने प्रधानमंत्री के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानन्द गौड़ा और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात की और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.


गोयल से मुलाकात में चौहान ने कोरोना की दूसरी लहर की कठिन परिस्थितियों में किसानों को उनके चमकविहीन गेहूं का समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने की मांग की. उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी प्रदेश में 128.16 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हुआ है और इसका पूरा श्रेय किसानों को जाता है.


उन्होंने गोयल को बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई असमय वर्षा के कारण प्रदेश के 26 जिलों में गेहूं के चमकविहीनता की स्थिति उत्पन्न हुई है लेकिन उसकी पौष्टिकता और गुणवत्ता बरकरार है.


उन्होंने विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उपार्जित चमकविहीन गेहूं को भारतीय खाद्य निगम में परिदान लिये जाने की अनुमति शीघ्र प्रदान करने का आग्रह किया. चौहान ने गोयल से केन्द्र में लंबित प्रदेश की विभिन्न रेल परियोजनाओं पर भी चर्चा की और उन पर केन्द्र द्वारा शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया. गौड़ा से मुलाकात में चौहान ने उन्हें राज्य में डीएपी की समस्या से अवगत कराया और उनसे अधिक मात्रा में राज्य को डीएपी उपलब्ध कराने का आग्रह किया.