कोरोना वायसरस महामारी का प्रकोप देश में थम नहीं रहा है. देश और दुनिया की वैज्ञानिक और दवा कंपनियां इसकी वैक्सीन और दवाइयां बनाने में लगी हैं. अब माना जा रहा है कि इस साल के आखिरी या अगले साली की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी. लेकिन वैक्सीन को लेकर लोगों के बीच संशय है. राज्य सरकार कोरोना वैक्सीन के टीके किसे देगी और इसकी कीमत क्या होगी और क्या इसे निशुल्क लगाया जाएगा.
इसे लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दावा किया है वह राज्य के कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए गरीबों और पिछड़ों के लिए वैक्सीन निशुल्क उपलब्ध करवाएगी जबकि जो लोग इसे खरीदने में सक्षम होंगे उनकों उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री ने कोरोना वैक्सीन को लेकर सबसे पहले संकेत दिए हैं.
सबसे पहले इन्हें मिलेगी वैक्सीन
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यहा पैसा जरूरी नही है. ये प्राथमिकता है. बुजुर्ग, इससे संक्रमित लोग और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ये सबसे पहले दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह यंग और हेल्दी लोगों से अपील करेंगे कि आगे आए और कहें कि उन्हें वैक्सीन की पहले जरूरत नहीं है.
लव जिहाद नहीं बेटी बचाओ आंदोलन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि राज्य में तथाकथित 'लव जिहाद' के खिलाफ प्रस्तावित कानून में इस्तेमाल होने वाले शब्द सीधे तौर पर नाम नहीं लिया है. उनका मानना है कि यह एक अभियान बन गया है. उन्होंने कहा,"कई चीजों ने हमारी आंखें खोली हैं. एक मां मेरे पास आई और मुझसे कहा कि कैसे उसी 14 साल की बेटी को भटकाया गया और ले गए."
लड़कियों और महिलाओं के साथ धोखेबाजी
मुख्यमंत्री ने आगे कहा,"हमारी पुलिस ने नेपाल बॉर्डर के पास नूरगंज में उस लड़की को खोज निकाला. ऐसे कई मामले हैं जहां महिलाओं और लड़कियों के साथ ज़बरदस्ती, खरीद-फरोख्त, धोखेबाज़ी और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. मैंने इस बात की जांच करने के लिए एक टीम का गठन किया है कि हमारी कितनी बेटियों को इस तरह से निकाला गया है और उन्हें नरक की जिंदगी में धकेल दिया गया है."
लव जिहाद के लिए सख्त कानून
शिवराज सिंह चौहान ने कहा,"हमे ऐसे सख्त कानून की जरूरत है जिसके जरिए हम अपने बेटियों को बचा सके और इससे जुड़े लोगों को मैसेज जाएं. इस कानून में कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए. दरअसल, यही बेटी बचाओ आंदोलन है."
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