Madhya Pradesh: टंट्या भील के बलिदान दिवस कार्यक्रम में पहुंचे सीएम, बोले- पहले की सरकारों ने नहीं लगाई प्रतिमा
Madhya Pradesh News: टंट्या भील देश के सबसे महान क्रांतिकारियों में से एक थे. उन्हें भारत का रॉबिन हुड भी कहा जाता था.
Tantia Bhil Balidan Diwas: स्वतंत्रता सेनानी, जनजातीय महानायक 'मामा' टंट्या भील के बलिदान दिवस पर रविवार (4 दिसंबर) को मध्य प्रदेश के इंदौर में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा समेत कई नेता शामिल हुए. इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जननायक टंट्या भील की प्रतिमा का अनावरण किया.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वीर क्रांतिकारी टंट्या मामा भील शोषण, अन्याय के खिलाफ लड़े थे. ये टंट्या मामा ही थे, जो अंग्रेजों को लूटकर पैसा गरीबों में बांट देते थे. वे अंग्रेजों से अनाज भी लूटकर भूखे और गरीबों में बांट देते थे. सीएम ने कहा कि आज मन गर्व से भरा हुआ है. हमारे टंट्या मामा क्रांतिसूर्य थे, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया.
टंट्या भील के नाम पर कई घोषणाएं की
मध्य प्रदेश सरकार ने टंट्या भील के नाम पर कई घोषणाएं भी की हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. इंदौर के ह्रदय स्थल भंवरकुंआ चौराहे का नाम अब टंट्या भील चौराहा रख दिया गया है. इस चौराहे के सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा. टंट्या मामा के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
"अब तक एक परिवार की प्रतिमा लगाई जाती रहीं"
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकारों ने कभी हमारे जनजातीय महानायकों की प्रतिमा नहीं लगाईं, सिर्फ एक परिवार की प्रतिमा लगाई जाती रहीं. क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के नाम पर शुरु हुई 'टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना' मध्य प्रदेश सरकार की अनूठी पहल है. उन्होंने कहा कि पेसा कानून किसी भी वर्ग के खिलाफ नहीं है. पेसा में कई हक और अधिकार जनजातीय समाज को दिये हैं. यह कानून प्रदेश के 89 विकासखण्डों के गांवों में लागू होगा. पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों को जमीन का अधिकार देता है.
लव-जिहाद पर बोले मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुछ लोग जमीन हड़पने के लिए जनजातीय समाज की बेटियों को बहला-फुसलाकर उनसे शादी कर लेते हैं. मैं किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश की धरती पर लव-जिहाद का खेल नहीं चलने दूंगा. हमारी बेटियों के साथ अन्याय करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा.
कौन थे टंट्या भील?
टंट्या भील सबसे महान क्रांतिकारियों में से एक थे. आम जनता उन्हें 'टंट्या मामा' कहकर उनका आदर करती थी. टंट्या भील (Tantia Bhil) आदिवासी समुदाय भील जनजाति से थे. उनका जन्म ग्राम बरदा, मध्य प्रदेश में 1840 के आसपास हुआ था. वह एक कुशल निशानेबाज और तीरंदाज भी थे.
उनकी गिरफ्तारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया था और न्यूयॉर्क टाइम्स में उनके बारे में प्रकाशित हुआ था. उन्हें भारत का रॉबिन हुड भी कहा जाता था क्योंकि वह ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटते थे और धन को गरीबों व जरूरतमंदों में बांट देते थे. टंट्या भील को 4 दिसंबर, 1889 को फांसी दी गई थी.
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