भोपाल: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 76वीं जयंती पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विज्ञापन जारी कर दावा किया है कि राजीव गांधी ने राम राज्य की परिकल्पना की थी. इतना ही नहीं अयोध्या में राम मंदिर की नींव भी राजीव गांधी ने ही रखी थी. 76वीं जयंती पर राजीव गांधी को याद करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने बकायदे भोपाल के प्रमुख अखबारों में विज्ञापन दिया है.


विज्ञापन में दावा- राजीव गांधी ने खुलवाए राम जन्मभूमि के ताले 


विज्ञापन में कहा गया है कि राजीव गांधी राम राज्य की गतिशील यात्रा के कुशल सारथी रहे हैं. उन्होंने 1985 में दूरदर्शन पर रामायण सीरीयल शुरू कराया उसके बाद उन्होंने राम जन्मभूमि के ताले खुलवाकर भक्तों को रामलला के दर्शन करवाए. इतना ही नहीं उन्होंने ही 1989 में राम जन्मभूमि के शिलान्यास की इजाजत भी दिलवाई.



कमलनाथ ने कहा था- राजीव गांधी ने 1985 में खुलवाए ताले, राम मंदिर का क्रेडिट किसी और को मिलना गलत


बता दें कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन के दिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने अपने निवास पर राम दरबार का आयोजन किया था.


कमलनाथ ने कहा, 'आज देश में ऐतिहासिक दिन है. हर भारतीय चाहता था कि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो. राजीव गांधी ने साल 1985 में सबसे पहली बार ताले खुलवाए. उन्होंने साल 1989 में कहा कि राम राज्य आएगा और राम मंदिर बनना चाहिए.' कमलनाथ ने कहा कि अगर कोई और इसका क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहा है तो ये गलत है.


एक हज़ार साल की होगी मंदिर की आयु


मंदिर में इस तरह के पत्थर लगाए जा रहे हैं जो एक हज़ार साल तक ख़राब नहीं होंगे. मंदिर की तकनीकी बेहद एडवांस होगी. गहराई में मिट्टी की जांच और भूकंप पर पूरी रिसर्च की जा रही है.


लार्सन एंड टूब्रो को सौंपा गया है राम मंदिर निर्माण की इंजीनियरिंग का काम


लार्सन एंड टूब्रो ने योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है. दो स्थानों पर 60 मीटर गहराई और पांच जगह 40 मीटर गहराई तक की मिट्टी का सैम्पल लिया गया है. साथ ही चेन्नई आईआईटी को भेजा गया है. इसी तरह भूकंप से रक्षा संबंधी जांच भी कराई जा रही है. सोईल सेटेलिंग एक सेंटीमीटर से ज़्यादा होगा तो मंदिर बैठ जाएगा इस बात का ख़्याल रखा जा रहा है. मंदिर में लोहा नहीं लगेगा.


1200 खम्भों पर बनेगा राम मंदिर


3 एकड़ में बारह सौ पाइलिंग होगी. ये गड्ढे 1 मीटर डायमीटर और कम से कम 30 मीटर गहरे होंगे और उसमें पीसीसी होगी, ना कि आरसीसी. बारह सौ खंबों पर कम से कम दो फ़िट मोटी चट्टान सा बेस बनेगा. फिर इस पर मंदिर बनेगा.


आम लोग देख सकेंगे मंदिर निर्माण का काम, तीन साल में बनेगा मंदिर


बारह सौ खंबों को स्ट्रेंक्थ गेन करने के लिए कितना समय लगेगा ये भी देखा जाएगा. नक़्क़ाशी में भी जल्दबाज़ी नहीं हो सकती. इसलिए मंदिर निर्माण में कम से कम 36 महीना लगेगा. यानी तीन साल. चालीस महीने भी लग सकते हैं. कार्य स्थल पर व्यू कटर नहीं लगाया जाएगा. सब लोग मंदिर का काम देख सकेंगे.


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