भोपालः मध्य प्रदेश में कोरोना की बढ़ती गति डरा रही है. जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है उससे सरकार के हाथ पैर फूल गये हैं. यदि देश में आज एक दिन में एक लाख से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आये तो एमपी में भी पहली बार एक दिन में तीन हजार तीन सौ से ज्यादा केस निकले. मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि कोरोना की इस स्थिति की कल्पना नहीं की गयी थी. तीन महीने पहले जहां प्रदेश में जहां एक प्रतिशत की संक्रामण दर थी कोरोना फैलने की वो अब बढ़कर साढ़े दस की होने जा रही है. यही गति अभी थम नहीं रही आने वाले दिनों ये गति बढ़ेगी तो और तेजी से मरीज सामने आयेंगे. उन्होंने बताया कि पिछले साल के कोरोना की गति से ये गति ज्यादा और अस्वाभाविक है.


इंदौर में रोज छह सौ तो भोपाल में पांच सौ मरीज सामने आने लगे हैं. ये पूरे प्रदेश का पचास फीसदी के आसपास है. कोरोना की जांच के लिये बने फीवर क्लीनिक में लगातार बढ रही संख्या भी चिंताजनक है. पहले इन क्लीनिकों पर एक दिन में पंद्रह हजार मरीज आते थे जो अब तीस हजार हो गये हैं.


बड़ी चुनौती सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता


अब सरकार के सामने बड़ी चुनौती सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता पर है. जो दिनों दिन कम हो रहे है. प्रदेश में करीब पंद्रह हजार बिस्तर सरकारी अस्पतालों में है. जिनको बढ़ाया जा रहा है. मगर ये सब इतनी जल्दी नहीं हो सकता इसलिए निजी अस्पतालों से मदद मांगी जा रही है.


सुलेमान ने बताया कि पहली बार लग रहा है कि हमारे अस्पताल के लिए अब यह बीमारी की बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. अब भी साठ फीसदी मरीज घरों में तो चालीस फीसदी अस्पतालों में हैं ऐसा ही पिछले साल हुआ था इसलिए ये संक्रमण पुराने संक्रमण से अलग नहीं बल्कि ज्यादा है.


वैक्सीनेशन की गति कम


मध्य प्रदेश में एक चिंता का कारण वैक्सीनेशन की गति का कम होना भी है. अब तक साठ साल की उमर वाले सिर्फ 28 फीसदी तो पैंतालीस से साठ साल की उमर वाले सिर्फ सात फीसदी ही वैक्सीन लगवा पाए हैं. वैसे प्रदेश में अब तक 42,23,858 लोगों को वैक्सीन लग चुका है. मगर ये संख्या अभी अपर्याप्त है.


उधर, सरकार के अतिरिक्त गृह सचिव ने बताया कि प्रदेश में बढ रही संक्रमण की दर रोकने के लिये सरकार ने प्रदेश के 14 जिलों में रविवार को लाकडाउन और रात दस के बाद का नाइट कफर्यू लागू कर दिया गया है. एक लाख सोलह हजार लोगों पर मास्क नहीं लगाने पर जुर्माने के तौर पर पौने दो करोड रूपये सरकार ने वसूले हैं.


इस तेजी से मामले बढने का कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना प्रोटोकाल जिसमें मास्क ना पहनना और सामाजिक दूरी का ख्याल रखना ही है. मगर इस साल आया ये कोरोना पिछले साल से ज्यादा तेज और घातक साबित होगा ये विशेषज्ञ कहने लगे है.


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