भोपाल: मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर पिछले एक हफ्ते से सियासी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. गुरुवार देर शाम कांग्रेस के मंदसौर जिले के सुवासरा से विधायक हरदीप सिंह डांग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर पार्टी को एक और तगड़ा झटका दिया. वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि डंग के साथ बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस एमएलए बिसाहूलाल सिंह, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा गुरुवार को भी भोपाल नहीं लौटे. इसके चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ अन्य कांग्रेस विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं.


हो सकता है कैबिनेट का विस्तार


मध्यप्रदेश में आए बड़े सियासी संकट के बाद अब डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं. सरकार की कोशिश इस फार्मूले से असंतुष्ट विधायकों और बाहर से सहयोग दे रहीं पार्टियों को संतुष्ट करने की होगी, ताकि बीजेपी आसानी से तोड़फोड़ ना कर सके. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कर्नाटक की तर्ज पर मध्यप्रदेश में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटी हुई है. अब तक बीजेपी का फोकस कांग्रेस के विधायकों की संख्या कम करने पर नजर आ रहा है.


गुरुवार को देर रात तक चली उठा पटक


मध्यप्रदेश में गुरुवार देर रात सियासी हलचल काफी तेजी से चलती रही. सीएम हाउस में करीब रात दो बजे तक कुछ भरोसेमंद मंत्री और कांग्रेस के कुछ विधायक मौजूद रहे. वहीं बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी पहले कैबीनेट मंत्री सुरेंद्र बघेल के साथ स्पीकर एनपी प्रजापति के घर पहुंचे फिर सीएम हाउस में कमलनाथ के साथ भी उनकी लंबी चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद बीजेपी विधायक के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना तेज हो गई हैं.


साफ जाहिर है कि कांग्रेस ने भी बीजेपी के विधायकों को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही विधायक नारायण त्रिपाठी, शरद कोल और संजय पाठक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. वहीं अब पूरी स्थिति को सीएम कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपने हाथों में ले लिया है. दोनों ही नेताओं ने शुक्रवार के अपने तमाम कार्यक्रमों को निरस्त कर भोपाल में डेरा डाल रखा है.