Madhya Pradesh Crisis: मध्य प्रदेश की सियासत में मंगलवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला. कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अब उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं. उन्होंने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. सिंधिया के इस्तीफे के ठीक बाद उनके खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा भेज दिया. जिसके बाद शाम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमारे पास बहुमत है और हम विधानसभा में साबित करेंगे. 10 प्वाइंट्स में पढ़ें पूरा सियासी घटनाक्रम-



1. कमलनाथ ने क्या कहा?- कमलनाथ ने कहा, ''हमारे विधायकों को बेंगलुरु में कैद करके रखा गया है, वो मेरे संपर्क में है. यदि वे स्वतंत्र होते तो बेंगलुरु में क्यों रखा है, उन्हें भोपाल लाएं. सरकार चलेगी, चिंता की कोई बात नहीं है.'' इससे पहले उन्होंने विधायक दल की बैठक में कहा कि आज हम निराश बिल्कुल नहीं है क्योंकि हमने तो 1977 का वो दौर भी देखा है, जिस समय इंदिरा गांधी जी भी चुनाव हार गई थीं. उस समय कांग्रेस पर संकट का दौर था. ऐसा लगता था कांग्रेस दोबारा वापस खड़ी नहीं हो पाएगी लेकिन कांग्रेस और मजबूती के साथ दोबारा खड़ी हुई.


2. अपनों का धोखा: मुख्यमंत्री ने कहा, ''आज हमें अपनों ने ही धोखा दिया लेकिन मैं उस राजनीति में जाना नहीं चाहता, सच्चाई सभी जानते हैं. मैं तो आज यह सोच रहा हूं कि जिन लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर बीजेपी वाले साथ ले गए, उनको वे कैसे संतुष्ट करेंगे? यह सच्चाई भी सामने आ रही हैं कि कुछ लोगों को झूठ बोलकर व गुमराह कर साथ ले जाया गया है, उसमें से कई कांग्रेस के साथ धोखा नहीं करना चाहते थे, वह इस सच्चाई को आज स्वीकार रहे हैं. थोड़ा समय का इंतजार कीजिए ,सारी स्थिति और सारा सच सबके सामने आएगा.''


3. दिल्ली भेजे गए विधायक: वहीं दिल्ली और भोपाल में बीजेपी की कई बैठकें हुई. भोपाल में करीब 9 बजे बीजेपी विधायकों की बैठक हुई. जिसके बाद 106 विधायकों को दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया. इससे पहले ही कांग्रेस के 22 बागी विधायकों को बेंगलुरू शिफ्ट किया जा चुका है, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं. 22 विधायकों में छह मंत्री भी हैं. इन मंत्रियों को कैबिनेट से हटाने के लिए कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखा है.


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4. कांग्रेस के MLA भी ठहरेंगे होटल में: कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मौजूद अपने 92 विधायकों को एकजुट रखने के लिए पार्टी ने किसी अज्ञात स्थान पर एक साथ रखने का निर्णय लिया है. प्रदेश कांग्रेस ने एक नेता ने कहा कि सरकार को समर्थन कर रहे हमारे 92 विधायकों को प्रदेश के एक होटल में एकसाथ रखा जाएगा.


5. कांग्रेस ने भोपाल भेजे नेता: कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, हरीश रावत और पार्टी प्रभारी दीपक बावरिया दिल्ली से भोपाल के लिए रवाना हुए हैं. वहीं कांग्रेस विधायक और मंत्री सज्जन वर्मा बेंगलुरु जाएंगे. वर्मा बागी विधायकों को मनाने की कोशिश करेंगे.


6. राज्यपाल का बयान: एमपी में सियासी संकट को लेकर राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और राजभवन पहुंचने के बाद कोई फैसला लेंगे. वहीं कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे को लेकर विधानसभा स्पीकर ने कहा है कि हम पहले वेरीफाई करेंगे उसके बाद उसपर कोई फैसला लेंगे. बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के 22 बागी विधायकों में से 19 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को सौंपे हैं.


7. सिंधिया का इस्तीफा: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद दोपहर में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद देर शाम बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए . समझा जाता है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्यसभा चुनाव के लिये पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई. सिंधिया को राज्यसभा भेजा जा सकता है.


8. सिंधिया का अगला रुख क्या होगा?: सूत्रों ने बताया कि सिंधिया 12 मार्च को अपने समर्थकों और कांग्रेस के कई विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि बीजेपी में शामिल होने से पहले सिंधिया ग्वालियर में अपने समर्थकों को संबोधित कर सकते हैं.


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9. कांग्रेस का हमला: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के साथ विश्वासघात किया और ‘‘व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा’’ को विचारधारा से ऊपर रखा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनके जैसे लोग सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं तो जितनी जल्दी वे चले जाएंगे, उतना ही अच्छा है.


10. क्या है विधानसभा का गणित: मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं और इसमें से दो सीट खाली है. अब तक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया है. ऐसे में अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो इसकी कुल संख्या 206 हो जाती है. बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी. कांग्रेस के 22 नेताओं के इस्तीफे के बाद इस समय उसके विधायकों की संख्या 93 है. बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और सूबे में अन्य दलों के सात विधायक हैं. कमलनाथ को विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है.


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