नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है, जिसके बाद अब कमलनाथ की कुर्सी खतरे में है. ये सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के हैं. सिंधिया ने आज ही कांग्रेस से इस्तीफे का एलान किया है और वह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. राजभवन के एक अधिकारी ने विधायकों के इस्तीफे की पुष्टि की है.
अब तक कुल 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. जिसमें छह मंत्री हैं और 16 विधायक हैं. इस बीच कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिख कर मंत्रियों को हटाने की सिफारिश की है.
छह मंत्री
तुलसी राम सिलावट,
प्रभुराम चौधरी
गोविंद सिंह राजपूत
महेन्द्र सिंह सिसोदिया
इमरती देवी
प्रद्युम्न सिंह तोमर
विधायक
हरदीप सिंह डंग,
राज्यवर्घन सिंह,
ब्रजेन्द्र सिंह यादव
जसपाल सिंह जग्गी
सुरेश धाकड़
जसवंत जाटव
संतराम सरोनिया
मुन्नालाल गोयल
रणवीर सिंह जाटव
ओपीएस भदौरिया
कमलेश जाटव
गिरीराज दंडौतिया
रधुराज सिंह कंसाना
बिसाहूलाल सिंह
ऐंदल सिंह
मनोज चौधरी
इस्तीफा देने वाले इन विधायकों में ज्यादातर बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं. सिंधिया के बागी तेवर से बीजेपी खुश है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंधिया ने मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं द्वारा अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर "देश हित में" यह कदम उठाया.
विजयवर्गीय ने कहा, "अगर आप राज्य के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस का चुनावी अभियान देखें, तो पता चलेगा कि सबसे ज्यादा सभाएं सिंधिया ने ही की थीं और उन्होंने ही कांग्रेस की ओर से जनता से सारे चुनावी वादे किये थे. लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय ने (कांग्रेस की चुनावी विजय के बाद) सिंधिया को दूध में से मक्खी की तरह निकालकर पूरी सरकार पर कब्जा कर लिया."
सियासी संकट के बीच CM कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखा पत्र, छह मंत्रियों को तुरंत हटाने की मांग की