मध्य प्रदेश का दमोह उपचुनाव बना जानलेवा, ड्यूटी पर लगाए गए 17 टीचर्स की कोरोना से मौत
कोरोना महामारी के बीच मध्य प्रदेश के दमोह में उपचुनाव कराया जाना जानलेवा साबित हुआ है. चुनाव ड्यूटी पर गए टीचर्स के संक्रमण से मरने की खबरें आ रही हैं.
दमोह: मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव कराए गए थे. चुनाव कराने के लिए दमोह जिले के 800 टीचर्स को ड्यूटी पर लगाया गया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 200 टीचर्स ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आ गए और अबतक कम से कम 17 टीचर्स की जान जा चुकी है.
दमोह जिला कलेक्टर कृष्ण चैतन्य ने कहा, 'हमें अबतक 24 टीचर्स के परिजनों से आवेदन मिले हैं, जिन्होंने चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने के बाद कोविड के कारण दम तोड़ दिया. इनमें से छह टीचर्स उपचुनाव ड्यूटी में एक्टिव रूप से शामिल थे. अब तक हमने 17 टीचर्स के कोरोना से मरने की पहचान हुई है. हम इन टीचर्स के परिजनों को मुआवजा देने के लिए चुनाव आयोग को आवेदन भेजने की तैयारी कर रहे हैं.'
दमोह का जानलेवा चुनाव
2 मई को दमोह उपचुनाव के नतीजे सामने आए थे. कांग्रेस उम्मीदवार अजय टंडन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और बीजेपी उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी को 17,097 मतों से हरा दिया था. लेकिन शाम तक खबर आई कि दमोह चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी ब्रजेंद्र सिंह राठौर कोरोना से जंग हार गए. कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री ब्रजेंद्र सिंह कांग्रेस की ओर से दमोह के प्रभारी थे. वहीं बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव भी कोरोना के कारण जान गंवा बैठे. बीजेपी सरकार के मंत्री भूपेद्र सिंह, मंत्री गोविंद सिहं राजपूत, विधायक प्रदीप लारिया विधायक शैलेन्द्र जैन और विधायक जीतू पटवारी भी कोरोना की चपेट में आए.
दमोह में उपचुनाव के प्रचार के दौरान तो कोरोना की गिनती कम हो रही थी, मगर चुनाव के बाद जैसे ही कोरोना की जांच पूरी ताकत से शुरू हुई कोरोना पीड़ितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई. दमोह में रोज तीन सौ के आसपास कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं और अब तकरीबन हजार एक्टिव केस हैं.
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