मध्य प्रदेश में भी ब्लैक फंगस महामारी घोषित, राज्य सरकार ने जारी की गाइडलाइंस
देश में ब्लैक फंगस के मामलों में बढोतरी के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसे नई चुनौती बताया है. इससे पहले गुजरात, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ भी अपने यहां ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं.
देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते ब्लैक फंगस (mucormycosis) के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. मध्य प्रदेश में भी इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्य में कोरोना के हालात को लेकर समीक्षा बैठक की. जिसके बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया जाता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि राज्य में जो भी इसकी चपेट में आएगा उसे इलाज की अच्छी से अच्छी व्यवस्था प्रदान की जाए. साथ ही ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी की आपूर्ति में कोई कमी ना हो इसके भी हरसम्भव प्रयास किए जाएंगे.
ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के साथ ही इसको लेकर राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन लागू कर दी गयी है. साथ ही इसके इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति केंद्र और राज्य स्तर से सुनिश्चित की जाएगी. प्रदेश में अभी पांच मेडिकल कॉलेजों में इसका उपचार किया जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में राजधानी भोपाल समेत कई और इलाकों में ब्लैक फंगस के कई मरीज सामने आ रहे हैं. राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है.
महामारी घोषित होने पर क्या होता है?
बता दें कि जो राज्य किसी बीमारी को महामारी घोषित कर देते हैं फिर उन्हें केस, इलाज, दवा और बीमारी से होने वाली मौत का हिसाब रखना होता है. साथ ही सभी मामलों की रिपोर्ट चीफ मेडिकल ऑफिसर को देनी होती है. इसके अलावा केंद्र सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर की गाइडलाइन्स का पालन करना होता है.
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