नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने विधानसभा में कमलनाथ सरकार के बहुमत साबित करने का विश्वास जताते हुए बुधवार को दावा किया कि 22 बागी विधायकों में 13 ने कांग्रेस नहीं छोड़ने का भरोसा दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं से यह समझ पाने में गलती हुई कि सिंधिया कांग्रेस छोड़ने जैसा कदम उठा सकते हैं.


दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, ''ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को भाजपा में शामिल होने पर बधाई. भाजपा के मप्र के नेताओं को भी मेरी हार्दिक बधाई.''





दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘यह गलती हमसे हुई कि हम यह नहीं समझ पाए कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे. कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया. चार बार सांसद बनाया, दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया और कार्य समिति का सदस्य बनाया.’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि सिंधिया के बीजेपी में जाने का षड्यंत्र तीन महीने से चल रहा था और वह कैबिनेट मंत्री बनने की ‘अतिमहात्वाकांक्षा’ के चलते बीजेपी में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘क्रोनोलॉजी यह है कि सबकुछ तब शुरू हुआ जब गुड़गांव के एक होटल से अपने विधायकों को वापस भोपाल ले आए.’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि जब प्रदेश बीजेपी के नेता कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में विफल रहे तब अमित शाह ने सिंधिया को इस काम में लगाया.


यह पूछे जाने पर कि क्या कमलनाथ सरकार बचेगी तो दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. हम किसी भी समय शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं.’’इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ ये 22 विधायक कांग्रेस के हैं. हम इनके परिवारों के संपर्क में हैं. हम चुप नहीं बैठे हैं, हम सो नहीं रहे हैं. 10 विधायक और दो-तीन मंत्री कह रहे हैं कि वो कांग्रेस से अलग नहीं होंगे.’’


सिंधिया को अहमियत नहीं देने संबंधी सवाल के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के समय सिंधिया को उप मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन उन्होंने कहा कि उनके नामित व्यक्ति को उप मुख्यमंत्री बनाया जाए. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप बन जाइए तो मुझे दिक्कत नहीं है, लेकिन आपके किसी चेले को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा.’’


बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘बीजेपी कहती है कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, लेकिन विधायकों को चार्टर्ड विमान से कौन ले गया? बीजेपी के लोग ले गए. यहां तक कि विधायकों के इस्तीफे भी बीजेपी के एक पूर्व मंत्री बेंगलुरू से लेकर आए. यह बीजेपी की ओर से प्रायोजित है तथा इसके लिए बीजेपी की ओर से पैसे दिए गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष को त्यागपत्रों की विश्वसनीयता को सत्यापित करना होगा. विधायकों को बुलाकर सत्यापित करेंगे कि ये उनके इस्तीफे हैं या नहीं. अब विधानसभा अध्यक्ष इन इस्तीफों के सत्यापन के लिए बेंगलुरू तो नहीं जाएंगे.’’


यह पूछे जाने पर कि क्या सिंधिया की फिर से कांग्रेस में वापसी संभव है तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पहले भी कोई ऐतराज नहीं था और आज भी नहीं है.’’उन्होंने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र में सिंधिया के मुताबिक काम हुए हैं और उनको किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ग्वालियर-चंबल संभाग में पूरी कांग्रेस यही चलाते थे. पूरा प्रशासनिक तंत्र इनके हिसाब से दिया गया. मेरे गृह जिले गुना में भी एसपी और डीएम इनके कहे मुताबिक पोस्ट होते हैं. भिंड-मुरैना में इनके हिसाब से नियुक्तियां होती हैं. राज्यसभा में भी चले जाते. इनके छह लोगों को मंत्री बनाया गया. फिर दिक्कत क्या थी.’’