उज्जैन: देश में किसानों के आत्महत्या करने का सिलसिला जारी है. एक के बाद एक प्रदेश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं. इस कड़ी में महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश के उज्जैन से दिनेश नाम के एक किसान के आत्महत्या करने की खबर सामने आई है. मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों से शिवराज सरकार है. यह सरकार दावा करती है कि मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार है.
कर्ज का बोझ बना दिनेश के आत्महत्या करने की मुख्य वजह
उज्जैन के धनडा भल्ला में रहने वाले किसान दिनेश नंबर के आत्महत्या की मुख्य वजह कर्ज का बोझ है. किसान दिनेश के शव को उसके पिता और परिवार के लोग कलेक्टर कार्यालय के बाहर रखकर न्याय की गुहार लई. घटिया तहसील के किसान ने कुछ बरस पहले संत रविदास आवास योजना के तहत बैंक से लोन लिया था. फसल खराब होने की वजह से समय पर लोन नहीं चुका पाए इसकी वजह से मकान की कुर्की के आदेश निकल गए. दिनेश के पिता पर पहले से कर्ज और फिर मकान की कुर्की का सदमा दिनेश सहन नहीं कर पाया और उसने जान दे दी.
अधिकारी कर रहे थे मृत दिनेश को उसके पिता माधव बताने की कोशिश -परिवार
परिवार के मुताबिक दिनेश की मौत के मामले में अधिकारी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बजाय उसका कृषि भूमि खाता और दूसरी जानकारी ढूंढते रहे ताकि वे यह बताने में कामयाब हो जाएं कि मरने वाला किसान नहीं था बल्कि उसके पिता माधव किसान हैं. अधिकारी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए और मधु के बेटे दिनेश को किसान मानने से इनकार करने की कोशिश भी की गई.
पीड़ित परिवार की थी दो मुख्य समस्याएं
पीड़ित परिवार की दो मुख्य समस्याएं थी एक समस्या तो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की पानबिहार शाखा का लोन था, जबकि दूसरी परेशानी बिजली विभाग की तानाशाही थी. दिनेश के पिता माधव का कहना है कि बैंक वालों से ज्यादा बिजली विभाग ने उनका जीना दुश्वार कर रखा था. बिजली विभाग वाले कुछ महीने पहले बिल बकाया होने पर उनकी मोटरसाइकिल तक उठा कर ले गए थे. इसकी वजह से भी दिनेश परेशान चल रहा था.