मंदसौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मंदसौर पहुंचे, जहां उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान एक मृतक किसान की पत्नी के सवाल ने शिवराज को खामोश कर दिया. पति खो चुकी पत्नी ने कहा, "सीएम साहब आंसू तो पोछ नहीं पाए, मेरा पति वापस लौटा दें? मुझे मेरा पति चाहिए."


आपको बता दें कि देश में किसान बेहाल हैं. बदहाली के खिलाफ गुस्से में हैं और मध्य प्रदेश में कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. दूसरे राज्यों में भी आंदोलन की आग भड़क रही है. 




एबीपी न्यूज़ से बातचीत में मृतक किसान घनश्याम धाकड़ की पत्नी ने बताया कि सीएम शिवराज ने उनसे कहा है कि जल्द ही एक करोड़ रुपए उनके बैंक खाते में पहुंच जाएंगे. पीड़िता का कहना है कि उसने सीएम शिवराज से घर की भी मांग की है जिसे उन्होंने मान लिया है और सीएम ने सरकारी नौकरी और बच्चों की मुफ्त पढ़ाई का आश्वासन भी दिया. किसान की पत्नी ने आगे कहा कि क्या सीएम मेरा पति मुझे वापस लाकर दे सकते हैं. मुझे तो बस मेरा पति चाहिए.



आज 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे सिंधिया




वहीं मध्यप्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आज 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे. किसानों के समर्थन में सिंधिया आज दोपहर तीन बजे भोपाल शहर के टीटी नगर दशहरा मैदान में 72 घंटे का सत्याग्रह शुरु करेंगे. ज्योतिरादित्य सिंधिया को कल मंदसौर जाने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया गया था. मंदसौर में एंट्री न मिलने पर ज्योतिरादित्य ने कहा कि राज्य में हिटलरशाही का दौर चल रहा है. सिंधिया ने कहा कि सीएम शिवराज तो कल यहां आएंगे फिर प्रशासन उन्हें क्यों रोक रहा है?

 




प्रदेश में शांति के लिए शिवराज ने रखा था उपवास


किसानों के आंदोलन के दसवें दिन शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के दशहरा ग्राउंड में उपवास रखा था.  इस दौरान शिवराज सिंह ने किसानों ने आह्वान किया कि बातचीत के जरिए मामले का समाधान किया जा सकता है. सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. हिंसा से किसी मामले का समाधान नहीं हो सकता. उन्होंने इस दौरान किसानों के लिए कई बड़े एलान भी किए थे.


क्या है पूरा मामला


मध्य प्रदेश में दो जून से किसान आंदोलन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसलों की सही कीमत मिले और कर्जमाफी हो. तीन जून को शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मिलकर मामला सुलझने का दावा किया था. जिसके बाद एक धड़े ने आंदोलन वापस भी ले लिया था. लेकिन बाकी किसान विरोध प्रदर्शन पर अड़े रहे. प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आमने-सामने आए. इसके बाद दोनों ओर से पथराव हुआ और फिर गोलियां चली, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई.