भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई. लेकिन अब एक बार फिर राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि कल तक फ्लोर टेस्ट कराएं नहीं तो माना जाएगा कि आपकी सरकार के पास विधानसभा में बहुमत नहीं है. राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट कराए जाने के पहले के निर्देश का भी जिक्र किया है.


इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज तड़के राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी पार्टी के विधायकों को बीजेपी द्वारा कर्नाटक पुलिस के नियंत्रण में बेंगलुरु में ‘बंदी’ के रुप में रखा गया है और ऐसी स्थिति में सदन में शक्ति परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक होगा.



इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्यपाल ने पत्र लिख कर कहा था मेरे अभिभाषण के बाद बहुमत परीक्षण हो. इसपर कांग्रेस का कहना था कि राज्यपाल का काम संदेश देना है, निर्देश नहीं.


राज्यपाल के सामने परेड


आज विधानसभा की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद बीजेपी ने अपने 106 विधायकों की परेड राज्यपाल के सामने कराई और बीजेपी के पास बहुमत का दावा करते हुए राज्यपाल से शक्ति परीक्षण करवाने की मांग की.


राज्यपाल से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘ कमलनाथ सरकार बहुमत खो कर अल्पमत में आ चुकी है और इसलिए राज्यपाल ने उसे आज 16 तारीख को ही राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था.’’


उन्होंने सवाल किया ‘‘बहुमत होता तो सरकार को शक्ति परीक्षण कराने में दिक्कत क्या थी ? लेकिन मुख्यमंत्री बच रहे हैं और समय काट रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि उनकी सरकार अल्पमत में है. इसलिए राज्यपाल के निर्देश का पालन नहीं किया और सरकार रणछोड़दास बन गई. सत्र स्थगित करके भाग गई.’’


चौहान ने कहा ‘‘अब इस सरकार को एक क्षण भी सत्ता में रहने का संवैधानिक अधिकार नहीं है. आज जो सदन में परिदृष्य था, उसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक हैं जबकि बीजेपी के 106 विधायक यहां आए हैं. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बहुमत अब बीजेपी का है.’’


कोरोना वायरस के चलते कमलनाथ सरकार को मिली मोहलत, विधानसभा की कार्रवाही 26 मार्च तक टली