मध्य प्रदेश: कांग्रेस में घमासान पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा- सरकार नहीं सर्कस चल रहा है
एमपी में कांग्रेस ने सत्ता में आने के पहले जनता से कई लुभावने वादे किए थे जो अब बजट की कमी के कारण अटके पड़े हैं . वहीं इसको लेकर बड़े नेताओं में तनातनी सामने आने लगी है. सिंधिया ने एक सभा के दौरान अतिथि विद्वानों के समर्थन में सड़कों पर उतरने की बात कही तो कमलनाथ ने कहा कि अगर वह चाहते हैं तो सड़कों पर उतर जाए.
भोपाल: कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अतिथि शिक्षकों का समर्थन किए जाने और उनके साथ सड़क पर उतरने का बयान दिए जाने और मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा तल्ख प्रतिक्रिया देने के बाद कांग्रेस में तकरार बढ़ गई है. कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच चल रही तनातनी के बाहर आने से भाजपा को भी मुद्दा मिल गया है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि एमपी में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है, एक नेता कहते हैं हम सड़कों पर उतर जाएंगे तो सीएम कहते हैं कि उतर जाएं हम भी देख लेंगे. कांग्रेस ने प्रदेश को कुश्ती का अखाड़ा बना दियाहै. एक-एक ईंट रखखर हमने प्रदेश बनाया था पर इसे कांग्रेस बर्बाद कर रही है.
प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में वापसी कराने में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने अहम भूमिका निभाई थी लेकिन अब इन दोनों ही दिग्गज नेताओं के बीच विवाद सामने आ रहा है. सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच चल रही तनातनी पर मंत्र पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सब ठीक है, सिंधिया जी अतिथि शिक्षकों के लिए चिंतित हैं और हमारी सरकार अतिथि विद्वान की समस्याओं को दूर करने के काम मे लगी हुई है. कई अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गयी है, उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ सब एक हैं.
किसान कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ, रोजगार और बेरोजगारों को भत्ता मध्य प्रदेश में फिलहाल बड़े मुद्दे हैं जिनका वादा कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किया था. इसके साथ ही लगातार ढाई महीने से चल रहा अतिथि विद्वानों का आंदोलन भी सरकार के लिए मुसीबत बना हुआ है. ऐसे में बड़े नेताओं के बीच चल रही आपसी खींचतान ने पार्टी संगठन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
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