Madhya Pradesh Government Crisis: कांग्रेस में बगावत करने के बाद अब जल्द ही ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया आज दोपहर में बीजेपी में शामिल होंगे. इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी मुख्यालय में मौजूद रहेंगे. ऐसी अटकले हैं कि उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया जा सकता है और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है.
सिंधिया ने कल ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. यही नहीं सिंधिया के खेमे के 22 विधायकों ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला किया. जिससे कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि सदन में बहुमत साबित करेंगे.
मध्य प्रदेश का गणित-
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं. ऐसे में 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास मामूली बहुमत है. अगर 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये जाते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की प्रभावी संख्या महज 206 रह जाएगी. उस स्थिति में बहुमत के लिये जादुई आंकड़ा सिर्फ 104 का रह जाएगा.
ऐसे में, कांग्रेस के पास सिर्फ 92 विधायक रह जाएंगे, जबकि बीजेपी के 107 विधायक हैं. कांग्रेस को चार निर्दलीयों, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन हासिल है. उनके समर्थन के बावजूद कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दूर हो जाएगी.
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राजनीति में एंट्री
30 सितम्बर 2001 को ग्वालियर राजघराने के उत्तराधिकारी और कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया की उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई. सिंधिया उस वक्त कानपुर में एक कार्यक्रम में जा रहे थे. 2001 में उनके निधन के बाद 2002 में हुए उपचुनाव में उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतरना पड़ा. अपने पहले ही चुनाव में ज्योतिरादित्य ने जीत हासिल की. इसके बाद वो गुना सीट से लगातार जीतते रहे. 2014 की मोदी लहर में जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सारे दिग्गज नेता चुनाव हार गए थे और 29 में से केवल दो सीटें ही कांग्रेस को मिली थी, उस दौरान भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया तब से ही लोकसभा में थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी.