Defamation Case: हाई कोर्ट ने खारिज की केआरके की याचिका, मनोज बाजपेयी को कहा था ‘चरसी’
Defamation Case: केआरके ने 26 जुलाई को मनोज बाजपेयी को लेकर कथित रूप से अपमानजनक ट्वीट किया था. इसके बाद मनोज बाजपेयी ने केआरके के खिलाफ इंदौर की जिला अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
Defamation Case : सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर मशहूर अदाकार मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) को ‘‘चरसी और गंजेड़ी’’ कहने के आरोप का सामना कर रहे फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान उर्फ केआरके (KRK) को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है.
बाजपेयी द्वारा केआरके के खिलाफ इंदौर की जिला अदालत में दर्ज कराया गया मानहानि का मुकदमा रद्द कराने को दायर याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि इन विवादास्पद संबोधनों का इस्तेमाल बाजपेयी की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त प्रतीत होता है.
हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के जज सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केआरके द्वारा धारा 482 के तहत दायर याचिका 13 दिसंबर को खारिज कर दी. हाई कोर्ट ने कहा कि सबूतों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कथित ट्वीट बाजपेयी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से किए गए थे या नहीं. मुकदमे के मौजूदा पड़ाव पर इस बात का निर्णय सीआरपीसी के उक्त प्रावधान के तहत अदालत को हासिल शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं किया जा सकता.
बाजपेयी ने जिला अदालत में दायर किए थे मुकदमे
गौरतलब है कि केआरके ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए जिला अदालत के नौ जुलाई को पारित उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उनके खिलाफ धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था. 'पद्मश्री' से सम्मानित बाजपेयी ने आपराधिक शिकायत के तौर पर जिला अदालत में दायर मुकदमे में आरोप लगाया कि केआरके ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से अलग-अलग ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई 2021 को दो ट्वीट कर उन्हें ‘‘चरसी और गंजेड़ी’’ कहा था.
केआरके के वकील ने उक्त आरोप को बताया गलत
हाई कोर्ट में दायर याचिका पर बहस के दौरान केआरके के वकील ने उक्त आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इनमें से एक ट्विटर हैंडल ‘‘केआरके बॉक्स ऑफिस’’ 22 अक्टूबर 2020 को सलीम अहमद नामके शख्स को बेचा जा चुका है और बाजपेयी के बारे में कथित ट्वीट किए जाने के वक्त केआरके इस हैंडल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे.
केआरके की ओर से हाई कोर्ट में कहा गया कि उन्होंने बाजपेयी या भारतीय फिल्म जगत के किसी भी अन्य कलाकार का अपमान करने के इरादे से कभी कोई टिप्पणी नहीं की है. 47 वर्षीय फिल्म समीक्षक की ओर से अदालत में यह दलील भी दी गई कि कथित ट्वीट की भाषा और शब्दावली को लेकर बाजपेयी की ओर से अनावश्यक रूप से आपत्ति जताई जा रही है.
बाजपेयी के वकील परेश जोशी ने सोमवार को बताया कि उनके मुवक्किल इंदौर की जिला अदालत में केआरके के खिलाफ दायर मुकदमे में अपना बयान पहले ही दर्ज करा चुके हैं. जोशी ने बताया कि मुकदमे में जिला अदालत में 17 जनवरी 2023 को अगली सुनवाई होनी है.