खालिस्तान, इमरजेंसी... कंगना रनौत की फिल्म पर सुनवाई करते हुए सिखों के लिए जज ने कह दी दिल छू लेने वाली बात, आप भी पढ़ें
एडवोकेट नरेंद्र सिंह रूपरा ने कोर्ट में कहा कि सिखों के छोटे बच्चे हैं, जो स्कूल जाते हैं, वो पगड़ी बांधते हैं तो उनको खालिस्तानी कहकर चिढ़ाया जाता है.
फिल्म एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद शुरू हो गया है. सिख संगठनों ने फिल्म के ट्रेलर को लेकर आरोप लगाया है कि सिखों की गलत छवि दिखाई गई है. इस पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जबलपुर सिंह संगत और गुरु सिंह सभा इंदौर ने याचिका दाखिल की है. याचिकाकर्ता की ओर से सिख वकील ने दलीलें पेश कीं. इस दौरान वह काफी भावुक हो गए और रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की. इस दौरान जज ने सिख समुदाय की तारीफ की और कहा कि कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में सिख समुदाय और गुरुद्वारों ने लोगों की बहुत मदद की.
ध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने कहा कि खाने से लेकर ऑक्सीजन तक सिख समुदाय ने लोगों को मुहैया करवाया. सुनवाई के दौरान एडवोकेट नरेंद्र पाल रूपरा ने कहा कि फिल्म का ट्रेलर बहुत पॉपुलर हो गया है और ये रोंगटे खड़े करने वाला है. ट्रेलर में सिखों की बहुत निर्दयी छवि दिखाई गई है. एडवोकेट रूपरा ने कोर्ट में यह भी कहा कि सिखों के बच्चे स्कूल जाते हैं, वो पटका पहनते हैं तो उनको खालिस्तानी कहकर चिढ़ाया जाता है.
एडवोकेट रूपरा ने कोर्ट से आग्रह किया कि कंगना रनौत को सिखों की भावनाओं को आहत करने और नेगेटिव छवि दिखाने के लिए माफी मांगनी चाहिए. कंगना रनौत फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं. दलील देते हुए एडवोकेट रूपरा बेहद भावुक हो गए. तब जस्टिस संजीव सचदेवा ने उनसे कहा कि हमने कोरोना काल में सिखों का योगदान देखा है. उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे लॉकडाउन में भारत और दुनियाभर में सिख समुदाय लोगों की मदद के लिए सबसे आगे थे.
जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा, 'सिख लोगों को खाना और शेल्टर मुहैया कराने में सबसे आगे रहे. दिल्ली में जब ऑक्सीजन की किल्लत थी तो सभी गुरुद्वारों में ऑक्सीजन की सप्लाई की गई, जहां से दूर-दूर के इलाकों में लोगों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई.'
कंगना रनौत ने इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा का रोल किरदार निभाया है. फिल्म में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के मुख्य घटनाक्रमों को दिखाया गया है, जिनमें साल 1975 में लगी इमरजेंसी और 1984 के दंगों को भी दिखाया गया है. फिल्म को पहले अक्टूबर-नवंबर, 2023 में रिलीज किया जाना था. फिर रिलीज टाल दी गई और 14 जून, 2024 की तारीख तय हुई, लेकिन इस दिन भी फिल्म को रिलीज नहीं किया गया और इसे 6 सितंबर के लिए टाल दिया गया.
14 अगस्त को जैसे ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुए तो विवाद शुरू हो गया और देशभर में अलग-अलग अदालतों में याचिका दाखिल की गईं और कई लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके चलते 6 सितंबर को भी फिल्म की रिलीज टाल दी गई है और सेंसर बोर्ड ने फिल्म से विवादित सीन को हटाने का निर्देश दिया है.