जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एथेनॉल मिले पेट्रोल-डीजल पर पांच प्रतिशत से अधिक टैक्स लगाये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार व तीन तेल कंपनियों को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति वी के शुक्ला की युगलपीठ ने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार व तीन तेल कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. यह जानकारी याचिकाकर्ता के वकील सुशांत रंजन ने दी है.


पांच प्रतिशत कर का है नियम
वकील ने बताया, "याचिका में कहा गया था कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने पांच प्रतिशत कर लेने का नियम बनाया था. वर्तमान में एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर 51 प्रतिशत कर वसूला जा रहा है. केन्द्र सरकार की ओर से 18 प्रतिशत और राज्य सरकार इस पर 33 प्रतिशत कर लेती है. तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल में 7 से 10 प्रतिशत एथेनॉल मिला रही हैं."


पेट्रोल-डीजल की तुलना में एथेनॉल की कम कीमत
रंजन ने बताया कि याचिका में कहा गया था कि एथेनॉल व बायोडीजल की वास्तविक कीमत पेट्रोल व डीजल की तुलना में लगभग आधा है. इसके बावजूद भी पेट्रोल-डीजल के दाम के अनुसार नागरिक से अतिरिक्त वसूली लोगों की जा रही है. नियमानुसार एथेनॉल पर महज पांच प्रतिशत कर लिया जाना चाहिए, जिससे आम लोगों को 4 से 6 रुपए प्रति लीटर सस्ते में डीजल-पेट्रोल मिलेगा.


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