मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ की न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद रविवार को निधन हो गया. वह 60 वर्ष की थीं और लम्बे समय से किडनी संबंधी बीमारी से भी जूझ रही थीं.


कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ की जज वंदना कसरेकर (60) ने शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली. वह पिछले कई दिन से गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती थीं.  इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, "न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थीं. इसके अलावा, वह लम्बे समय से किडनी संबंधी रोग से भी जूझ रही थीं."


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताया शोक


न्यायमूर्ति कसरेकर के निधन पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट किया, "इंदौर उच्च न्यायालय में पदस्थ माननीय न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर के निधन का दुःखद समाचार मिला है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस वज्रपात को सहने की क्षमता दें. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं."



नौ जुलाई 2022 को समाप्त होना था उनका कार्यकाल


जानकारी के लिए बता दें कि न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले, कसरेकर उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में ही दीवानी और संवैधानिक मुकदमों की पैरवी करती थीं. फिलहाल, वह इंदौर पीठ की इकलौती महिला न्यायाधीश थीं. उन्हें 25 अक्टूबर 2014 को उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और उनका कार्यकाल नौ जुलाई 2022 को समाप्त होना था.


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