नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में 24 घंटे चली गिनती के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 114 सीटों पर कब्जा जमाया है, यानी बहुमत से सिर्फ दो सीट से पीछे रह गई. वहीं बीजेपी ने 109 सीटें हासिल की हैं. इस बीच खबर है कि कांग्रेस नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि शिवराज जी से मैं कहना चाहूंगा कि अब आया जनता का राज.
शिवराज सिंह चौहान ने 13 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद आज इस्तीफा दे दिया. शिवराज सिंह ने इस्तीफा देने के बाद कहा, ''मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. पराजय की जिम्मेदारी मेरी, मेरी और सिर्फ मेरी है. कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया. हमें वोट ज्यादा मिले लेकिन संख्या बल में हम पीछे रह गए. हमारे पास स्पष्ट बहुमत नहीं है. मैंने कमलनाथ जी को शुभकामनाएं दे दीं हैं.''
मध्य प्रदेश में कैसे बनेगी कांग्रेस की सरकार?
कांग्रेस में मध्य प्रदेश में बहुमत से दो सीट पीछे रह गई है, ऐसे में सवाल है कि कांग्रेस सरकार कैसे बनाएगी. बता दें कि आज सुबह ही मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. मायावती ने कहा कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. कल अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था, ''जब एक और एक मिलकर बनते हैं ग्यारह. तब बड़े-बड़ों की सत्ता हो जाती है नौ दो ग्यारह.''
निर्दलियों को भी साथ लाने की जुगाड़ में कांग्रेस
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा कि चार निर्दलीय विधायक भी उनके साथ हैं. दरअसल कांग्रेस ने निर्दलियों को अपने पाले में पाले की कवायद शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक भगवानपुरा के विधायक डाबर केदार डाबर को कांग्रेस नेता अरुण यादव अपने साथ लेकर भोपाल आ रहे हैं. सुसनेर के विधायक विक्रम राणा को कांग्रेस नेता बाला बच्चन लेकर भोपाल आ रहे हैं. बालाघाट जिसे वारासेनी के विधायक से प्रदीप जयसवाल से कमलथान खुद बात कर चुके हैं. बुरहानपुर से विधायक ठाकुर शैलेंद्र से दिग्विजय सिंह बात कर चुके हैं.
क्या होगा कांग्रेस का फाइनल आंकड़ा?
मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए हैं. कांग्रेस के 114, बीएसपी के 2, एसपी का एक और चार निर्दलियों को जोड़ दें तो ये नंबर 121 तक पहुंच रहा है जो बहुमत से पांच ज्यादा है, यानी कांग्रेस आसानी से सरकार बना लेगी. कांग्रेस की सरकार तो आसानी से बन रही है लेकिन बड़ा सवाल अब भी बरकरार है कि मुख्यमंत्री कौन होगा. भोपाल में सिंधिया और कमलनाथ के समर्थक अपने अपने नेता को सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं.