भोपाल: मध्य प्रदेश में सात दिन से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है. हाई कोर्ट के आदेश और मरीजों को रही दिक्कत के चलते डॉक्टरों ने लिया फैसला. सरकार और डॉक्टरों के बीच बातचीत चल रही थी. सरकार से इस बातचीत के बीच तीन हजार से ज्यादा डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया था. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डॉक्टरो ने बिना शर्त हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है.


मानदेय बढ़ाने को लेकर हड़ताल पर थे डॉक्टर्स
दरअसल ये जूनियर डॉक्टर राज्य सरकार से अपना मानदेय बढ़ाने और उनके परिवार के सदस्यों को इस कोविड महामारी के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की मांग कर रहे थे. अपनी इन मांगों को लेकर ये डॉक्टर पिछले कुछ दिनों से हड़ताल पर थे. जूनियर डॉक्टरों ने अपने मानदेय में 24 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की मांग की थी. साथ ही इसमें सालाना अलग से 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की मांग भी रखी गयी थी. डॉक्टरों ने अपने परिवार के सदस्यों को भी बेहतर और मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने की बात कही थी.  


हाई कोर्ट ने दिया था हड़ताल खत्म करने का आदेश
गुरुवार को हाई कोर्ट ने इनकी हड़ताल को असंवैधानिक करार देते हुए 24 घंटे में काम पर लौटने का निर्देश दिया था. जिसके बाद इन सभी जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया. वहीं इस मामले में राज्य सरकार का कहना है कि वो पहले ही इन डॉक्टरों को सब सुविधा प्रदान कर चुकी है.


दिल्ली के डॉक्टरों ने भी किया था समर्थन
देश की राजधानी दिल्ली में भी जूनियर डॉक्टर्स ने मध्य प्रदेश में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का समर्थन किया था. दिल्ली में एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स के समर्थन में एक कैंडल मार्च भी निकाला.


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