भोपाल: मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच विधानसभा का महत्वपूर्ण सत्र सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ. हालांकि विपक्ष की आपत्ति पर राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पूरा नहीं किया. वे सदन से निकल गए. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को कोरोना के कारण 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया. इस तरह फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ और कमलनाथ सरकार कुछ और दिनों के लिए बच गई. वहीं विधानसभा में कोरोना से बचने को विधायक मास्क लगाए भी नजर आए.
राज्यपाल को सदन में अपना अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है. राज्यपाल ने विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें.
इस अपील के बाद राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के साथ सदन से बाहर निकल गए. राज्यापाल और विधानसभा अध्यक्ष के जाने के बाद सदन में नारेबाजी और हंगामा हुआ. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी. आपको बता दें कि इससे पहले बैठक शुरू होने पर राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ का गान हुआ. विधायकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए.
विधानसभा में भी दिखा कोरोना का असर
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे. विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के अनुसार विधायकों को ये मास्क विधानसभा प्रबंधन द्वारा दिए गए थे. गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये. उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया समर्थक हैं.
शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है.
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