Madhya Pradesh: कमलनाथ ने 28 में से 22 मंत्रियों का इस्तीफा लिया, अब नए सिरे से होगा कैबिनेट विस्तार
कमलनाथ ने जो आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी उसमें सिंधिया गुट के छह मंत्री मौजूद नहीं थे.
भोपाल: सियासी संकट के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रियों का इस्तीफा लिया है. अब नए सिरे से कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा. कमलनाथ सरकार के 28 में से 22 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. अब मध्य प्रदेश में नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा.
ज्योतिरादित्य गुट के छह मंत्री मौजूद नहीं थे
बता दें कि सूबे की सियासी उठापटक के बीच आज मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस बैठक में मंत्रियों ने अपने सामूहिक त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंपें. मंत्रियों ने माननीय मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने का अनुरोध किया. बैठक में ज्योतिरादित्य गुट के छह मंत्री मौजूद नहीं थे.
उमंग सिंगहर बोले- सरकार सुरक्षित है
कांग्रेस के मंत्री उमंग सिंगहर ने मंत्रियों के इस्तीफे के बाद कहा कि सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है. अब मुख्यमंत्री कैबिनेट का पुनर्गठन कर सकते हैं. हम सब साथ हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के साथ हैं. अगर मंत्री मंडल बनना है तो सरकार सुरक्षित है.
पीसी शर्मा बोले- सरकार पूरे पांच साल चलेगी
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा कि बैठक में उपस्थित सभी मंत्रियों ने (सीएम कमलनाथ को) अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं. हमने उनसे राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने और बीजेपी द्वारा बनाई गई स्थिति से निपटने का अनुरोध किया है. सरकार बची हुई है, पूरे पांच साल चलेगी.
कमलनाथ ने क्या कहा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वे राज्य सरकार को अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने देंगे. कमलनाथ ने कहा, ''सौदेबाजी की राजनीति एमपी के हित के सात कुठाराघात है. मेरे लिए सरकार होने का मतलब सत्ता की भूख नहीं है. मेरा जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है. पंद्रह वर्षों तक बीजेपी ने सत्ता को सेवा का नहीं भोग का साधन बनाए रखा था वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है. सरकार को अस्थिर करने वालों को सफल नहीं होने दूंगा.''
6 मंत्रियों समेत सिंधिया गुट के 17 विधायक बेंगलुरु गए
बता दें कि मध्य प्रदेश के 6 मंत्रियों समेत सिंधिया गुट के 17 विधायकों के सोमवार को दिल्ली और बेंगलुरु जाने के साथ ही कमलनाथ सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है. ये सभी 6 मंत्री ज्योतिरादित्य गुट के हैं.