भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार रात को राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन में मुलाकात की. बाद में उन्होंने विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने से इंकार करते हुए बहुमत का दावा किया और विपक्ष को उनकी सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दी.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजभवन के बाहर कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने राज्यपाल को बजट सत्र के शुरुआती दिन उनके अभिभाषण के लिए धन्यवाद दिया. आज हम बहुमत में हैं इसलिये शक्ति परीक्षण कराने का सवाल पैदा नहीं होता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो यह दावा कर रहे हैं कि हमारे पास बहुमत नहीं है तो उन्हें मेरी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए और शक्ति परीक्षण कराना चाहिए. ’’
लगभग आधे घंटे चली मुलाकात
कमलनाथ ने राज्यपाल से लगभग आधा घंटे तक मुलाकात की. इससे पहले सोमवार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कमलनाथ सरकार को मंगलवार 17 मार्च को शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया था.
पत्र में क्या कुछ लिखा था
पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट कराने की 'सार्थक' कोशिश नहीं की. विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित होने का जिक्र भी राज्यपाल ने चिट्ठी में किया गया. इसमें कहा गया कि 17 मार्च को अगर सरकार बहुमत साबित नहीं करेगी तो उसे अल्पमत में माना जाएगा. राज्यपाल ने सीएम को लिखा है, 'आपने यह चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने में आना-कानी की है, जिसका कोई आधार नहीं है.' कमलनाथ ने अपनी चिट्ठी में जो कारण गिनाए थे, राज्यपाल ने उन्हें 'आधारहीन और अर्थहीन' बताया.
अभी तक 22 में से 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कथित 22 बागी विधायकों की इस्तीफा देने के बाद प्रदेश में 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है. विधानसभा अध्यक्ष ने छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं जबकि 16 विधायकों के इस्तीफे पर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया है.