भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को उम्मीद है कि प्रदेश में होने वाले 24 उपचुनावों में जीतकर कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में वापसी करेगी. भोपाल में आज पत्रकारों से जूम की मदद से हुई पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि बीजेपी को उपचुनावों में उतरना भारी पड़ेगा. जनता सब जानती है कि कांग्रेस के विधायक किन कारणों से बीजेपी में गये हैं और अब वो क्यों वोट मांगने आए हैं.
कमलनाथ ने कहा, ''मेरे पास राजनीति का लंबा अनुभव है मगर लालच और महत्वाकांक्षाओं की राजनीति का अनुभव नहीं रहा, इसलिए सरकार चलाने में मुश्किल आयी.'' उन्होंने आगे कहा कि उनको मुख्यमंत्री पद जाने का अफसोस नहीं है. दुख इस बात का है कि प्रदेश को नई पहचान दिलाने के लिए जो प्रयास कर रहा था वो नई सरकार उसे उलट रही है.
बीजेपी सरकार के आरोपों का जबाव देते हुए कमलनाथ ने कहा कि कोविड के लिए उनकी सरकार ने जनवरी से ही तैयारियां शुरू कर दी थी. लगातार बैठकें कर स्वास्थ्य विभाग को इस महामाीरी से निपटने के लिए आदेश दिए गए. जो कांगजों में देखे जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि जिस आईफा के लिए बीजेपी उन पर तोहमत लगा रही है वही आईफा कोविड के चलते मैंने ही रद्द करवाया. अब सरकार सिर्फ मुंह चलाने का काम कर रही है. जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा. सरकार चलाने और मुंह चलाने में फर्क होता है. हैरानी इस बात की है कि पंद्रह साल सरकार में रहने वाले सिर्फ पंद्रह महीने की सरकार चलाने वालों से सवाल कर रहे हैं और प्रदेश की बीमार स्वास्थ्य विभाग के बारे में जबाव सवाल कर रहे हैं.
आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिहं घोषणाओं की राजनीति ही करना जानते हैं. इतने लोगों को पैसे बांट दिए, उतनों को बांट दिए मगर किसे दिया गया पैसा कोई सामने नहीं आता. कमलनाथ ने कहा कि मेरी टीम पुरानी ही है. दिग्विजय सिंह से किसी प्रकार के कोई मतभेद नहीं है. हम दोनों ही अंधेरे में रहें कि हमारे विधायक वापस आ जाएंगे मगर वो जिस लालच में गए थे उस लालच से हम उनको नहीं जीत सकते थे.
किसानों की कर्जमाफी पर कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के 27 लाख किसानों का कर्जामाफ हुआ है. ये हम नहीं वो लाखों किसान कह रहे हैं जिनको इस योजना का फायदा मिला. अब बीजेपी इस योजना को बंद कर रही है तो इसका जबाव अब वह किसान ही देंगे.