भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पैसे की कमी से जूझ रही है. इसका असर प्रदेश सरकार की कई योजनाओं पर पड़ रहा है. ऐसे में कमलनाथ सरकार ने चुनाव के समय जो जनता से वादे किए थे उसे पूरे करने में सरकार को परेशानी हो रही है. पैसे की कमी का सीधा असर 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना' पर पड़ा है. इस योजना के तहत शादी करने वाले जोड़ों को कई महीनों से पैसे नहीं मिले हैं. अब सरकार जोड़ों को दी जाने वाली राशी भी आधी करने जा रही है.


बता दें कि पहले शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार सामूहिक विवाह या निकाह के लिये प्रत्येक वधू को 28 हजार रुपये देती थी. कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र में इसे बढ़ाकर 51 हजार रुपए करने का वायदा किया था. ये और बात है कि खजाने की तंगी की वजह से सरकार के लिए अब ये वादे पूरे करना मुश्किल हो गया है.


दरअसल, सामाजिक न्याय विभाग को 29, 200 जोड़ों को बांटने के लिए सिर्फ 65 करोड़ रुपए मिले हैं. फिलहाल मुख्यमंत्री विवाह योजना के अंतर्गत 26, 500 दुल्हनों और मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत 1900 लड़कियों को भुगतान होना है. नवविवाहितों को 153 करोड़ रुपए दिए जाने हैं, लेकिन सरकार की माली हालत खराब है, इसलिए राशि नहीं दी जा रही. अब इस राशी को 51 हज़ार रुपए से घटाकर 22 हज़ार रुपए करने जा रही है. वैसे इससे पहले नगरपालिका ने इस पैसे के भुगतान के लिये शौचालय के साथ सेल्फी तक की शर्त जोड़ दी थी, पैसे फिर भी नहीं मिले.


सामाजिक कल्याण विभाग अब पैसे दो किश्तों में देने की सोच रहा है क्योंकि सूत्रों के मुताबिक अनुपूरक बजट में भी पूरे पैसे नहीं मिले. इस योजना में हर जोड़े को 51 हजार रुपए दिए जाते हैं, अब सरकार किश्तों में भी पैसे देने पर विचार कर रही है. बीजेपी सरकार में रहे पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने इस पर आपत्ति जतायी. उनका कहना है कि एक साल हो गये मुख्यमंत्री ने बड़े बड़े पोस्टर तो लगवा लिये, बेटियों की शादी भी हुई लेकिन उन्हें पैसे नहीं मिले. मुझे लगता है इससे ज्यादा वादाखिलाफी वाली सरकार इस प्रदेश को नहीं मिली.


वहीं, कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि सरकार विवाह योजना में राशी कम नहीं कर रही है. सरकार पैसे पूरे देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पुरानी सरकार ने एमपी के खजाने को कंगाली की हालत में धकेल दिया था. उन्होंने कहा कि जल्द ही लोगों को पैसे दिए जाएंगे.


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