(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lokniti-CSDS survey: मध्य प्रदेश में सत्ता बचाने के लिए क्या था बीजेपी का फॉर्मूला, CSDS के सर्वे से खुला जीत का राज
Election News: लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण में पता चला है कि बीजेपी को युवा मतदाताओं से भी अच्छा समर्थन मिला. 25 वर्ष से कम उम्र के मतदाताओं के बीच इसे 7 प्रतिशत तक का लाभ हुआ.
Madhya Pradesh Lokniti-CSDS survey: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 230 में से 163 सीटों पर जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है. बीजेपी की लहर के आगे कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट कर रह गई. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी इस चुनाव में हार गए. बीजेपी ने जिस तरह की जीत इस चुनाव में दर्ज की है, उसकी चर्चा खूब हो रही है.
यहां बीजेपी की जीत के पीछे कोई एक कारण नहीं, बल्कि कई कारण थे. मौजूदा सरकार की कल्याणकारी नीतियों से लेकर, संगठन का आक्रम प्रचार, कुशल चुनावी रणनीति औऱ जातिगत फैक्टर जैसे कई पॉइंट हैं जिन्होंने जीत-हार में अहम भूमिका निभाई. सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (CSDS) और लोकनीति की ओऱ से चुनाव के बाद किए गए सर्वे में कई अहम जानकारी मिलती है.
इन वजहों से मिली बीजेपी को जीत
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने वोट शेयर में 7.5% की वृद्धि के साथ 70% से अधिक सीटें हासिल कर लीं, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के वोट शेयर में सिर्फ 0.5% की गिरावट आई, लेकिन उसने 40% से अधिक सीटें गंवा दीं. सर्वे में जीत के पीछे के कई कारण बताए गे हैं.
1. डबल इंजन सरकार का फायदा
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के तमाम नेताओं ने अपने भाषण में जनता के सामने डबल इंजन सरकार के फायदे गिनाए. लोगों से कहा गया कि कैसे यहां बीजेपी को वोट देने से फायदा होगा, क्योंकि केंद्र में भी बीजेपी की ही सरकार है. चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मिलकर कई योजनाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. दस में से सात मतदाता केंद्र सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट थे, जबकि दस में से छह ने राज्य सरकार के प्रति अपनी संतुष्टि व्यक्त की. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चौहान दोनों की लोकप्रियता से भी भाजपा को फायदा मिला.
वहीं, कांग्रेस के मामले में भी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे कमल नाथ को पार्टी समर्थकों का समर्थन मिला, लेकिन वह जीत से दूर रह गई. कुछ लोगों ने बताया कि कांग्रेस ने बहुत जल्दी अपने चुनावी वादे जारी कर दिएष इससे बीजेपी को जवाबी रणनीति बनाने का मौका मिल गया. सर्वेक्षण में एक-चौथाई लोगों ने कहा कि उन्होंने अभियान के आखिरी कुछ दिनों में यह फैसला किया कि आखिर किसे वोट देना है. हर दस में से चार ने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद यह विकल्प चुना.
2. कल्याणकारी योजनाओं से
सर्वेक्षण में ये भी सामने आया है कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से की गई कल्याणकारी योजनाओं से भी भाजपा को काफी वोटर का सपोर्ट मिला. किसानों ने बढ़चढ़कर बीजेपी को वोट दिया.
3. युवा वोटर से
लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण में ये भी सामने आया है कि बीजेपी को युवा मतदाताओं से भी अच्छा समर्थन मिला. 25 वर्ष से कम उम्र के मतदाताओं के बीच इसे 7 प्रतिशत और 26 से 35 वर्ष की आयु वाले मतदाताओं के बीच 14 प्रतिशत का लाभ मिला. पुराने वोटरों में भी बीजेपी कांग्रेस से 6 प्रतिशत आगे रही. हायर एजुकेशन वाले हर दस में से छह मतदाता ने बीजेपी को वोट दिया. शहरी क्षेत्रों में भी बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले.
4. अमीर और मध्य वर्ग का भी मिला साथ
सर्वे में सामने आया है कि दो-तिहाई से अधिक अमीर और आधे से अधिक मध्यम वर्ग के मतदाताओं ने बीजेपी को वोट दिया. इससे अलग कांग्रेस को गरीबों के बीच केवल मामूली बढ़त हासिल हुई. भाजपा सभी जाति समूहों में आगे रही, जबकि कांग्रेस केवल दलितों, आदिवासियों और मुसलमानों के बीच ही भाजपा से बेहतर कर पाई.
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