मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की बच्ची से गैंग रेप केस में मंदसौर की विशेष अदालत ने दो आरोपियों आसिफ और इरफान को फांसी की सज़ा सुनाई है. इसी साल 26 जून को आसिफ और इरफान ने सात साल की स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ गैंग रेप किया था. विशेष न्यायालय की न्यायाधीश निशा गुप्ता ने इस मामले में इरफान (20) और आसिफ (24) को दोषी करार दिया था.
लड्डू खिलाने का लालच देकर बच्ची को किया था अगवा
गौरतलब है कि मंदसौर में इस आठ वर्षीय बच्ची को 26 जून की शाम लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया था, जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी. गैंग रेप के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था. वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी.
दो महीने के अंदर कोर्ट ने दी सज़ा-ए-मौत
इस मामले में पुलिस ने इरफान और आसिफ को गिरफ्तार किया था. ठाकुर ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दोनों आरोपियों पर भादंवि की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 376 (2एन), 366 (अपहरण), 363 (अपहरण के दण्ड) और पॉक्सो एक्ट से संबधित धाराओं के तहत 10 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ दो महीने के अंदर ही आरोपियों को सज़ा-ए-मौत दे दी.
घटना के बाद मंदसौर में हुआ था विरोध-प्रदर्शन
घटना के मात्र 15वें दिन दाखिल किये गये इस आरोप पत्र में 350 से अधिक पेज और प्रमाण के लिए करीब 100 दस्तावेज थे. इसमें डॉक्टरों सहित 92 गवाहों के बयान भी दर्ज थे. इसके अलावा, इस आरोप पत्र के साथ अदालत में 50 चीजें भी पेश की गई हैं, जिनमें आरोपियों इरफान और आसिफ द्वारा बच्ची को जान से मारने की नीयत से उस पर हमला करने वाले चाकू और कपड़े भी शामिल थे. इस अमानवीय घटना के बाद मंदसौर सहित पूरे मध्यप्रदेश में आरोपियों को तुरंत फांसी देने की मांग करते हुए लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये थे.
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