Madhya Pradesh New CM Mohan Yadav: हाल ही में तीन राज्यों में चुनाव जीती भारतीय जनता पार्टी अब तक दो राज्यों में मुख्यमंत्री के नामों का ऐलान कर चुकी है. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के बाद अब मध्य प्रदेश में सीएम के नए चेहरे के रूप में उज्जैन से तीन बार के विधायक रहे मोहन यादव का नाम तय किया है.
छत्तीसगढ़ में नाम ऐलान के बाद से ही मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर कयास लगने और तेज हो गए थे. संभावना थी कि मध्य प्रदेश में भी कोई नया सीएम चेहरा दिख सकता है. खुद शिवराज सिंह चौहान की तरफ से भी ऐसे कई संकेत दिखे थे.
पहले ही बोल गए राम राम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार (11 दिसंबर) को भोपाल में आयोजित विधायक दल की बैठक से पहले ही सोशल मीडिया पर 'राम-राम' लिखकर सियासी सवाल खड़े कर दिए. उनके ऐसा लिखने के बाद 'शब्दों' के अलग-अलग मायने निकाले जाने लगे. अब प्रदेश के नए सीएम का ऐलान कर दिया गया तो अब यही कहा जा रहा है कि उन्होंने कुर्सी जाने का संकेत इस अंदाज में दे दिया था. हालांकि मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने 'राम-राम' को लेकर कई तर्क भी सामने रखे. सीएम चौहान ने कहा कि गांव में सुबह उठने से लेकर घर में प्रवेश करने के दौरान 'राम-राम' बोला जाता है. 'राम-राम' हमारे 'रोम-रोम' में बसे हैं.
गायब हुए पोस्टर
भोपाल में नवनिर्वाचित विधायक दल की मीटिंग से पहले हाल के मंच पर लगे बड़े पोस्टर से भी कुर्सी जाने के संकेत नजर आए. सीएम शिवराज सिंह चौहान को पोस्टर में जगह नहीं दी गई. उसमें सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी फोटो और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं एमपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की तस्वीर ही लगाई गई. इससे भी परिवर्तन का इशारा साफ होता नजर आया.
कैलाश विजयवर्गीय से मीटिंग
नए सीएम का नाम तय करने को लेकर भोपाल में आयोजित मीटिंग से एक दिन पहले रविवार (10 दिसंबर) को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व इंदौर-1 से नवनिर्वाचित विधायक कैलाश विजयवर्गीय के बीच मुलाकात हुई. दोनों के बीच देर शाम को अचानक हुई यह मुलाकात और सोशल मीडिया पर शेयर की गईं फोटोज भी सियासी बदलाव का संकेत दे रहीं थीं.
मीटिंग में पहुंचे तो बदले थे हाव-भाव
विधायक दल की मीटिंग में पहुंचने के दौरान भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे के हाव-भाव काफी बदले-बदले नजर आए. इससे प्रदेश की सियासत में बड़े बदलाव होने की आहट भी सुनाई दी. दोपहर में जब पर्यवेक्षक पहुंचे तो सीएम चौहान का काफिला भी साथ पहुंचा था. हालांकि मीटिंग से पहले और बाद में किसी भी विधायक व नेता को कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना किया गया.
छत्तीसगढ़ में नए चेहरे को मौका
बीजेपी आलाकमान ने छत्तीसगढ़ में नए चेहरे को मौका देकर भी यह संकेत दे दिया था कि मध्य प्रदेश में भी बदलाव संभव है. 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से अभी तक मध्य प्रदेश में भी नाम का ऐलान नहीं किया गया था. सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार बयान देते आ रहे थे कि शीर्ष नेतृत्व का जो फैसला होगा, उनको स्वीकार होगा.
छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने आदिवासी नेता विष्णु देव साय को सीएम बनाकर बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला. इसी राह पर मध्य प्रदेश को भी मोहन यादव के रूप में नया सीएम चेहरा दिया गया है. अब इसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व तीसरे विजयी राज्य राजस्थान में किस चेहरे को पहली पसंद बनाता है.