Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के पिवड़ाय गांव में ग्रामीणों पर एक मुस्लिम परिवार के साथ मारपीट का आरोप लगा है. पुलिस का कहना है कि दो पक्षों में हुए विवाद में एक परिवार के पांच सदस्यों समेत कम से कम सात लोग घायल हुए हैं. घायलों को इंदौर के एमवाई अस्पातल में भर्ती किया गया है. इस मामले को लेकर एमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है.
घटना पर ओवैसी ने सवाल करते हुए ट्वीट किया, सर शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश के डीजीपी, क्या आप इन कट्टरपंथी गुंडो पर कार्रवाई करेंगे. क्या सरकार अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाएगी?"
क्या है मामला
इंदौर जिले के पिवड़ाय में हुई इस घटना पर एक पक्ष का आरोप है कि गांव के लोगों ने यहां रहने वाले मुस्लिम परिवारों को गांव से निकलने को कहा. इस फरमान को मानकर कुछ मुस्लिम परिवार गांव को छोड़कर चले गए, लेकिन एक परिवार गांव में ही रुका रहा. आरोप है कि गांव में रुकने वाले मुस्लिम परिवार के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की. इस दौरान बच्चों को भी नहीं बख्शा गया और उन्हें भी मारा पीटा गया.
मुस्लिम समुदाय के पीड़ित परिवार के लोगों का आरोप है कि दूसरे पक्ष ने उन्हें हिंदू बहुल गांव को नौ अक्टूबर तक खाली करने का फरमान सुना दिया था और इसे नहीं माने जाने पर भीड़ ने उनपर हमला कर दिया. पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर पिवड़ाय गांव में शनिवार रात हुए विवाद में दो पक्षों के कुल सात लोग घायल हुए हैं.
पुलिस ने क्या कहा?
उन्होंने बताया कि इनमें एक ही मुस्लिम परिवार के पांच लोग और हिंदू पक्ष के दो व्यक्ति शामिल हैं. साथ ही कहा कि घायलों को सामान्य चोटें आई हैं. पुलिस अधीक्षक जैन ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया कि तय तारीख तक हिंदू बहुल गांव खाली करने का फरमान नहीं माने जाने पर मुस्लिम परिवार पर भीड़ ने हमला कर दिया.
सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग ले रही इस घटना को "दो पक्षों के बीच विवाद का सामान्य मामला" बताते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा, "दोनों पक्षों के खिलाफ एक-दूसरे की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (आपराधिक धमकी) और 147 (बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.’’
जैन के मुताबिक पिवड़ाय गांव में संबंधित मुस्लिम परिवार लोहे का सामान बनाने का काम करता है और इस सामान की मरम्मत को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद के कारण शनिवार रात की हिंसक घटना सामने आई.
बहरहाल, पीड़ित परिवार के नजदीकी रिश्तेदार फजलुद्दीन ने कहा, "पिवड़ाय में रहने वाले मेरे नवासे ने बताया कि अन्य पक्ष ने उसके परिवार को दो-तीन महीने पहले धमकी देकर नौ अक्टूबर तक यह गांव खाली करने का फरमान सुना दिया था. इस तारीख तक गांव खाली नहीं किए जाने पर 30-40 ग्रामीणों ने शनिवार रात उसके परिवार पर हमला कर दिया."
उन्होंने कहा कि कथित भीड़ के हमले में उनके परिवार की दो महिलाओं समेत पांच लोग घायल हुए हैं. फजलुद्दीन ने आरोप लगाया कि इस परिवार पर लोहे का सामान बनाने के उसके ही कारखाने के औजारों से हमला किया गया. पीड़ित परिवार की कानूनी मदद के लिए सक्रिय वकील एहतेशाम हाशमी ने आरोप लगाया कि इस परिवार पर धार्मिक भेदभाव के कारण हमला किया गया. उन्होंने कहा, "हम इस मामले में उचित कानूनी कदम उठा रहे हैं."
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