धार: मध्य प्रदेश में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. अब के धार में एक और किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली है. किसान का नाम जगदीश है. 35 साल के जगदीश पर बैंक ऑफ इंडिया का डेढ़ से दो लाख रुपए का कर्ज था. पिछले नौ दिनों में प्रदेश में करीब 11 किसानों ने कर्ज से तंग आकर आत्महत्या की है.
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सीएम के गृह क्षेत्र में कल की एक किसान ने आत्महत्या
कल सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र में कर्ज से परेशान 22 साल के एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली थी. बुधनी विधानसभा के लाचोर गांव में रहने वाले किसान मुकेश की तीन महीने पहले ही शादी हुई थी. मुकेश के पास छह एकड़ खेत है. उसपर 55 हजार रुपए बैंक का जबकि चार लाख साहू करो का कर्ज है. कर्ज से परेशान होने की वजह से मुकेश ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की. जिसे गंभीर हालत में भोपाल रेफर किया गया जहां उसकी मौत हो गई.
खून से रंगे हैं शिवराज सरकार के हाथ: ज्योतिरादित्य
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार के हाथ खून से रंगे हुए हैं. ज्योतिरादित्यके सत्याग्रह मंच पर एक कार्यकर्ता ने शिवराज की नकल उतारी.
टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में बुधवार से शुरू हुए कांग्रेस के 72 घंटे के सत्याग्रह के दूसरे दिन गुरुवार को ज्योतिरादित्य ने कहा, “मंदसौर में किसानों पर सरकार ने पुलिस से गोली चलवाई और छह किसानों की मौत हो गई, इस सरकार के हाथ खून से रंगे हुए हैं, मुख्यमंत्री चौहान को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.”
सूदखोरों के चंगुल में हैं एमपी के किसान: कांग्रेस
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वर्णिम मध्यप्रदेश का दावा करते हैं, मगर यहां के किसान सूदखोरों के चंगुल में हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि बीते तीन दिनों में कर्ज के बोझ से दबे प्रदेश के छह किसानों ने आत्महत्या कर ली. होशंगाबाद के बाबई में किसान द्वारा आत्महत्या करना शिवराज सरकार के उन दावों की कलई खोलती है, जो 0 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने का दावा करती है. अगर 0 प्रतिशत बयाज पर कर्ज मिल रहा है, तो किसान सूदखोरों के चंगुल में आज भी क्यों हैं?