इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदौर के एम वाय अस्पताल में एक दिन में 17 मरीजों की मौत हो गई है. मरीज के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि अस्पताल में अचानक ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई थी जिसकी वजह से मरीजों की मौत हुई है लेकिन अस्पताल प्रशासन इस आरोप को बेबुनियाद बता रहा है.
अस्पताल में अपने पिता का इलाज कराने आए प्रकाश नाम के शख्स ने आरोप लगाया है कि 22 जून की रात में ऑक्सीजन की सप्लाई अचानक बाधित हो गई जिसकी वजह से उनके पिता की मौत हुई है. मृतक नारायण के बेटे प्रकाश ने बताया, ‘’दो नर्स आपस में बात कर रही थीं कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है. एक-डेढ घंटे बाद बाहर आकर बोल दिया कि तुम्हारे पिताजी शांत हो गए हैं. और भी दो चार लोगों की मौत हुई थी. मैरे सामनें दो तीन मरे हैं.’’
प्रकाश के पिता नारायण की तरह 16 और मरीजों की मौत 22 जून को हुई है लेकिन एम वाय अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन से मरीजों की मौत की बात को सिरे से खारिज कर रहा है.
एमवाय अस्पताल के अधीक्षक बीएस पाल का कहना है, ‘’सभी डेथ उनकी नहीं हुई हैं जो ऑक्सीजन पर थे. हमारे पास 40 वेंटीलेटर हैं. सभी मरीज उन पर हैं. अगर ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होती तो सभी पर होती.’’
मीडिया ने जब पूरे मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन से मरीजों की लिस्ट मांगी तो अस्पताल प्रशासन सकते में आ गया और आखिर में जानकारी देने से मना कर दिया.
बीएस पाल ने कहा, ‘’जहां तक ऐड्रेस की बात है तो हम आपको उनका एड्रेस नहीं दे सकते. उसके बहुत से रीजन होते हैं. मेडिकल पेशेंट हैं, जब तक उनकी इच्छा नहीं होगी हम ऐड्रेस नहीं दे सकते.’’ अस्पताल प्रशासन का ये रूख सवालों के घेरे में है. यही वजह है कि कांग्रेस इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है.