भोपालः मध्य प्रदेश में आज हुए राज्यसभा चुनावों में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ. प्रदेश से संसद के उच्च सदन में राजा-महाराजा ही गए. भारतीय जनता पार्टी के खाते में दो तो कांग्रेस के हिस्से एक सीट आई.


मतदान में सबसे ज़्यादा वोट कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को मिले. उनको 57 वोट मिले तो बीजेपी की और से ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56 और बीजेपी के ही सूमेर सिंह को 55 वोट मिले. दो वोट निरस्त हुए. ये दोनों वोट बीजेपी के विधायकों के रहे.


राज्यसभा की दो सीटें जीतने के लिए बीजेपी ने जो चौसर बिछाई थी उसमें बीजेपी कामयाब रही. 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में 15 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी सत्ता से बेदखल हो गई थी और कांग्रेस ने 15 साल बाद प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार में वापसी की थी.


हालांकि कांग्रेस स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी लेकिन वह उसके नजदीक थी और सबसे बड़ा दल भी थी. कांग्रेस ने 114 सीट जीती थी जो बहुमत से महज दो सीट कम थी इसलिए उसने एसपी, बीएसपी और निर्दलीयों को साथ लेकर सरकार बनाई थी.


बाद में उपचुनाव जीतने के बाद कांग्रेस बहुमत में भी आ गयी थी और राज्यसभा की तीन में से दो सीटें जीतने का अंक गणित कांग्रेस के पक्ष में था. एक सीट के लिए 58 वोट चाहिए थे इस हिसाब से 116 वोट की जरूरत थी जो उसके पास अपने ही थे. जबकि एक एसपी, दो बीएसपी और तीन निर्दलीयों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया मगर एक निर्दलीय कांग्रेस के साथ रहा.


सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछे कई तीखे सवाल