नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग वाली शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश आज आ गया है. फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने 68 पन्ने का विस्तृत आदेश पारित किया है और कहा है कि हालात के मुताबिक सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कहने का राज्यपाल का फैसला सही था. हमने फैसले में संवैधानिक पहलुओं और राज्यपाल के अधिकारों पर चर्चा की है.
19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिया था?
दरअसल 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के तुरंत बाद जो संक्षिप्त आदेश दिया था, उसमें कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को तुरंत विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा था. जिसके बाद सीएम ने इस्तीफा दे दिया था.
शिवराज क्यों खटखटाना पड़ा था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा?
पिछले महीने कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के चलते राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी. इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने सरकार को 16 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा था. उस दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू तो हुई, लेकिन उसे कुछ देर के बाद 10 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में दखल देने की मांग की थी.
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