Madhya Pradesh News: उत्तर भारत सहित पूरे देश में भीषण गर्मी लोगों पर सितम ढा रही है. ऐसे में लोग इससे बचने के लिए शिकंजी, ठंडा पानी, खीरा और तरबूज जैसी चीजों का सेवन कर रहे हैं. इसके साथ ही मौसम विभाग भी लू से बचने के लिए कई तरह की एडवाइजरी जारी कर चुका है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक गर्मी से मध्य प्रदेश का भी बुरा हाल है. ऐसे हाल में एमपी के श्योपुर जिले की एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है जो सभी का दिल झकझोर के रख दे रही है.


मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की वायरल फोटो में एक बेबस मां और उसके तीन मासूम बच्चे हैं. इन चारों की बेबसी ऐसी है कि भीषण गर्मी में कोई भी नौजवान सड़क पर नंगे पांव चल दे तो पैरों में छाले पड़ जाएं. मगर, बेबस मां ने अपने जिगर के टुकड़ों को गरम सड़क से बचाने के लिए पैरों में पॉलीथिन बांध दी.


पति का इलाज कराने आई थी मां


दरअसल, श्योपुर जिले के आदिवासी विकास खंड कराहल से पति का इलाज कराने तीन बच्चों की मां श्योपुर आई थी. रविवार (21 मई) की दोपहर में शहर की सड़कों पर चिलचिलाती धूप में मां अपने बच्चों के पैरों में पॉलीथिन बांधकर घूम रही थी.


मासूमों के पैरों में चप्पल नहीं


आदिवासी सहरिया महिलाओं की बेहतरी के लिये सरकार ने अनेक योजनाएं चलाई हैं, मगर इन मासूमों के पैरों में चप्पल भी नहीं हैं. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अपने तमाम दावों में कहती है कि उनकी योजनाओं का लाभ समाज के हर तबके को मिल रहा है. श्योपुर से आई ये तस्वीर सभी सरकारी दावों को आइना दिखा रही है.


सरकारी योजनाएं देने का निर्णय
तपती धूप में बच्चों के पांव न जले, इसलिए पैरों में पॉलीथिन पहनाकर बाजार में चला रही महिला का जिला प्रशासन ने पता लगाकर उसे सरकार की योजनाओं से लाभांवति करने का निर्णय लिया है. कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर प्रशासन के अमले ने हर गांव और हर ब्लॉक में महिला को तलाशना शुरू कर दिया. इस तलाशी अभियान में महिला की शहरी क्षेत्र के वार्ड नं. 08 की झुग्गीबस्ती में रहने की जानकारी मिली. 


अधिकतम लाभ देने के निर्देश 
कलेक्टर के निर्देश पर मौके पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर ममता व्यास और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी जाटव ने संबंधित परिवार से जानकारी लेकर प्रशासन को अवगत कराया. कलेक्टर ने परिवार को सरकारी योजना का अधिकतम लाभ देने के निर्देश दिए.


महिला-बच्चों को तलाशने का अभियान
सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद महिला-बच्चों को तलाशने के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा ने प्रशासन को निर्देश दिए. अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों के कामकाज के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर फोटो डालकर महिला को तलाशने को कहा. दिनभर मशक्कत के बाद महिला के वार्ड नं. 08 टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे झोपड़ी होने की पुष्टि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी जाटव ने की. 


मां गई मजदूरी को, बीमार पिता के साथ मिले बच्चे
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तस्दीक के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासन को बाजार में बच्चों को लेकर घूम रही महिला घर पर नहीं मिली. घर पर दो बच्चों काजल (6वर्ष) और खुशी (4वर्ष) के साथ पिता सूरज आदिवासी मिला. सूरज ने बताया कि वह लंबे समय से टीबी रोग से ग्रसित हैं, जिससे मजदूरी को नहीं जाता है. घर का खर्चा उसकी पत्नी रूकमणी आदिवासी मजदूरी कर चलाती हैं. 


रूकमणी आज ही मजदूरी के लिए एक वर्षीय मयंक को लेकर जयपुर राजस्थान चली गई हैं. सूरज ने बताया कि उसके पास बीपीएल राशनकार्ड नहीं हैं, जिससे उसे बाजार से महंगे दामों पर गेहूं या आटा खरीदना पड़ता हैं.


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