उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार भी लव जेहाद कानून लाने जा रही है. ताकि, भोली-भाली लड़कियों को फंसाकर उसको धर्म परिवर्तन को लिए मजबूर करने और उसके बाद उसके साथ शादी करने वालों को कड़ी सजा दी जा सके. इसको लेकर मंगलवार को मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई है.


मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा- "धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 सहित जितने विधेयक... विधानसभा सत्र के स्थगित होने के कारण सदन में नहीं ला पाए, कल कैबिनेट की विशेष कर रहे हैं... अध्यदेश के माध्यम से इनको लागू करेंगे... कानून तत्काल प्रभाव से कैबिनेट के बाद लागू हो जाएगा."





आइये जानते है यूपी के लव जेहाद कानून से कितना अंतर है एमपी के लव जेहाद कानून में:


मध्य प्रदेश में धमकी देकर, डराकर या मजबूर करके धर्म परिवर्तन मामले में 5 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही इस मामले में 25 हजार रुपये का जुर्माना भी है. वहीं उत्तर प्रदेश में इसके लिए 5 साल की सजा और 15 हजार रुपये का अर्थदंड है.


मध्य प्रदेश में किसी नाबालिग या अनुसुचित जाति के साथ लव जिहाद का मामला आता है तो ऐसे में आरोपी को 10 साल की सजा का प्रावधान है साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी इस तरह के मामले में 3 से 10 साल की सजा और 25 हजार रुपये का अर्थदंड़ है.


मध्य प्रदेश में सामूहिक तौर पर विधि विरुद्ध लव जिहाद मामले में 10 साल की जेल समेत 1 लाख रुपये का जुर्माना है. वहीं, उत्तर प्रदेश में इसके लिए 3 से 6 साल की सजा और 50 हजार रुपये का अर्थदंड है.