मध्य प्रदेश: लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाएगी शिवराज सरकार, आज कैबिनेट की बैठक में दी जाएगी मंजूरी
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार भी लव जेहाद कानून लाने जा रही है. ताकि, भोली-भाली लड़कियों को फंसाकर उसको धर्म परिवर्तन को लिए मजबूर कर शादी करने वालों को कड़ी सजा दी जा सके. कानून के तहत जोर-जबरदस्ती से धर्म परिवर्तन कर शादी करने वालों को अधिकतम 10 साल की सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
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भोपाल: मध्यप्रदेश की भाजपा नीत सरकार कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सख्त कानून बनाने के लिए मंगलवार को अब ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ लाएगी. मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी दी. कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति द्वारा लालच देकर, धमकाकर, धर्म परितर्वन कराने को गैर कानूनी माना गया है. इस अध्यादेश के जरिए शादी या किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा, ‘‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 समेत जितने भी विधेयक विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण हम सदन में नहीं ला पाए, कल मंगलवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में अध्यादेश के माध्यम से उन्हें लागू करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो जायेंगे.’’
26 दिसंबर को दी गी थी मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को मंजूरी बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए 26 दिसंबर को ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020’ को मंजूरी दी थी. इस विधेयक में शादी और किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
इसलिए अब अध्यादेश ला रही है सरकार
इस विधेयक को 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में पेश किया कर पारित करवाना था, लेकिन कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते इस सत्र को रविवार को स्थगित कर दिया गया. इसलिए अब सरकार अध्यादेश ला रही है.
कुछ मायनों में यूपी के लव जिहाद कानून की तरह ही है यह अध्यादेश
यह अध्यादेश कुछ मायनों में पिछले महीने उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार द्वारा अधिसूचित 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020' की तरह है, क्योंकि उसमें भी जबरन धर्मांतरण करवाने वाले के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.
इस अध्यादेश के आने के बाद कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी एवं बलपूर्वक विवाह के नाम पर या चल कपट से प्रत्यक्ष या परोक्ष से उसके धर्म परिवर्तन की कोशिश नहीं कर सकेगा.
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