नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी ने सरकार तो बना ली है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मंत्रिमंडल का गठन बड़ी चुनौती बना हुआ है. कोरोना संकट के बीच शिवराज अकेले ही राज्य की सत्ता संभाल रहे हैं और इस बात के लिए उनकी काफी आलोचना भी हो रही है. अब खबर आ रही है कि कल मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. हालांकि इस दौरान बीजेपी के सामने तमाम बड़े नेताओं समेत बागियों और अनुभवी विधायकों को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगा.


मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे बड़ी बाधा कांग्रेस से खेमा बदलकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया बन रहे हैं. सिंधिया की बीजेपी आलाकमान से मांग है कि उनके खेमे के पूर्व मंत्रियों को फिर से मंत्रीपद दिया जाए. कोरोना संकट के दौरान जहां बीजेपी की कोशिश है कि छोटा मंत्रिमडल बनाकर हालात पर काबू पाया जाए, वहीं सिंधिया की यह मांग पार्टी की राह में रोड़ा बन रही है.


मालूम हो कि 15 साल बाद जोड़ तोड़ कर कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद 15 महीनों में ही पार्टी एक बार फिर विपक्ष में आ गई. इसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को चौथी बार सूबे के मुख्यमंत्री बने.


बता दें कि मध्य प्रदेश के इन्दौर में शुक्रवार रात को कोविड-19 संक्रमण के 50 नए मामले सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़कर 1310 पर पहुंच गयी है. प्रदेश में कोरोना वायरस के 1310 मरीजों में से अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है. इंदौर में कोरोना वायरस से 892 लोग संक्रमित हैं. इन्दौर में इस घातक महामारी से अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है.


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