भोपालः मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी ‘कन्यादान योजना’ के तहत दी जाने वाली राशि को घटाने पर विचार कर रही है. इसके तहत मिलने वाले 51 हजार रुपये की बजाए अब पहले की ही तरह 28 हजार रुपये दिए जाएंगे. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी कार्यकाल के दौरान इस राशि को 51 हजार तक बढ़ाया था, जिसे अब पलटने की बात राज्य के समाज कल्याण मंत्री ने कही है.


वोट के लिए कमलनाथ सरकार ने बढ़ाई राशिः मंत्री


राज्य के समाज कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने इस पर बोलते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार की तरफ से बढ़ाई गई राशि काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा, “हम कन्यादान योजना के तहत दी जाने वाली 51 हजार रुपये की राशि को घटाने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि यह जरूरत से ज्यादा है.”


पटेल ने साथ ही कमलनाथ पर आरोप लगाया कि उन्होंने वोट के खातिर इसकी राशि को बढ़ाया. मंत्री ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ये राशि वोट की खातिर बढ़ाई थी, लेकिन लोगों को अभी तक इस राशि को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.”


2006 में शुरू हुई थी योजना


शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले कार्यकाल में इस योजना की शुरुआत की थी. 2006 में शुरू हुई कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत जरूरतमंद लड़कियों के विवाह के लिए उन्हें 28 हजार रुपये दिए जाते थे. यह योजना सीएम शिवराज की पसंदीदा योजनाओं में से एक रही है.


पिछले विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सत्ता में आए कमलनाथ ने इस राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये किया था, जिसमें से 48 हजार रुपये लड़की को मिलते थे, जबकि 3 हजार रुपये शादी में खर्च के तौर पर दिए जाते थे.


कमलनाथ ने दी सरकार को चेतावनी


वहीं शिवराज सरकार के मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस हमलावर है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाय कि शिवराज प्रदेश की बेटियों का अहित कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “आप ख़ुद को मामा कहलवाते हो और आपकी सरकार भाँजियो का ही अहित करने में लग गयी है. कैसे मामा हो आप? प्रदेश की बेटियों के हित में लिये गये हमारी सरकार के निर्णय को हम किसी भी सूरत में बदलने नहीं देंगे.”






कमलनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार ने इस राशि को घटाने का फैसला किया तो प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे राज्य में इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.


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