भोपाल: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पांच हिंदू धार्मिक और आध्यात्मिक चेहरों को मंत्री का दर्जा दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिन बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है उनमें कंप्यूटर बाबा, भैय्यू महाराज, नर्मदानंद, हरिहरानंद, योगेन्द्र महंत शामिल हैं.

दरअसल, शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के आसपास वृक्षारोपण, साफ-सफाई के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक विशेष समिति बनाई है, इसमें पांचों संत सदस्य हैं. संभवत: राज्य के गठन के बाद से यह पहला मौका होगा, जब संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जा रहा हो.

मध्य प्रदेश सरकार के फैसले की मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने आलोचना की है. पार्टी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ''ऐसा कर मुख्यमंत्री अपने पापों को धोने का प्रयास कर रहे हैं. यह चुनावी साल में साधु-संतों को लुभाने की सरकार की कोशिश है.’

उन्होंने कहा, ''राजनीतिक फायदे के लिए यह कदम उठाए गये हैं. सरकार ने नर्मदा की अनदेखी की है. इन संतों को राज्य सरकार के कामों का निरीक्षण करना चाहिए, जहां राज्य सरकार ने नर्मदा में छह करोड़ पौधे लगाए.''

बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा' निकाली थी और पौधरोपण किया था. उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अपनी पत्नी अमृता राय सिंह के साथ पदयात्रा कर रहे हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में इन यात्राओं और शिवराज सिंह चौहान के फैसले का असर साफ दिखेगा.